Edited By Sunita sarangal,Updated: 20 Oct, 2019 08:36 AM
पंजाब में प्रदूषण दिन-प्रतिदिन पैर पसारता जा रहा है। आलम यह है कि पंजाब के प्रदूषण का कहर जालंधर में सबसे अधिक दिखाई दे रहा है।
जालंधर(स.ह.): पंजाब में प्रदूषण दिन-प्रतिदिन पैर पसारता जा रहा है। आलम यह है कि पंजाब के प्रदूषण का कहर जालंधर में सबसे अधिक दिखाई दे रहा है। केंद्रीय प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के आंकड़ों की मानें तो जालंधर में प्रदूषण का कहर काफी अधिक है। पी.एम.-2.5 और पी.एम.-10 के मामले में जालंधर ने बड़े शहरों मुंबई, दिल्ली और आगरा को भी पछाड़ दिया है। केंद्रीय प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की वैबसाइट के अनुसार जालंधर में कल शाम ए.क्यू.आई. एवरेज 173 था, जबकि पी.एम.-2.5 व अधिकतम- 403 तथा पी.एम.-10 अधिकतम- 413 रहा जो कि बहुत अधिक है। इससे कई प्रकार की सांस की बीमारियां होने का खतरा बन सकता है।
वहीं अगर बात दिल्ली की करें तो वहां पी.एम.-2.5 का स्तर 376 व पी.एम.-10 का स्तर 500 रहा। मुंबई में पी.एम.-2.5 का स्तर महज 52 व पी.एम.-10 का स्तर 95 था। आगरा में पी.एम.-2.5 लैवल 131 व पी.एम.-10 का लैवल 150 रहा। ऐसे में साफ है कि जालंधर वासी प्रदूषण को लेकर लापरवाह हैं। अपने वातावरण की ओर ध्यान न देकर जालंधर का प्रशासन व लोग अपनी और अपने बच्चों की सेहत से खिलवाड़ कर रहे हैं।
उधर, मामले बारे जानकारी देते हुए प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के अधिकारी अरुण कक्कड़ ने बताया कि जालंधर का ए.क्यू.आई. तो सही है पर जो पी.एम.-2.5 और 2.10 का लैवल इस लिए अधिक है, क्योंकि यहां डस्ट और वाहनों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। इससे वातावरण पर बेहद खराब प्रभाव पड़ रहा है।