Edited By swetha,Updated: 25 Feb, 2020 09:33 AM
प्रशासनिक अधिकारियों के आश्वासन के बाद खोला गेट
दीनानगर(कपूर): गन्ने की बकाया राशि प्राप्त करने हेतु शुरू किए गए संघर्ष दौरान आज किसानों का गुस्सा इस प्रकार फूट पड़ा कि उन्होंने शूगर मिल पनियाड़ के मुख्य गेट को ताला जड़ दिया तथा स्टाफ को भी अंदर ही बंद कर दिया। इसकी भनक लगते ही जिला प्रशासन की तरफ से एस.डी.एम. रमन कोछड़ और ए.डी.सी. तजिन्द्र पाल सिंह संधू मौके पर पहुंचे और किसानों को मिल के गेट को लगाया गया ताला खोलने हेतु कहते रहे।
उल्लेखनीय है कि गन्ने की बकाया राशि को लेकर किसानों की ओर से पिछले 15 दिनों से शूगर मिल पनियाड़ के समक्ष धरना दिया जा रहा है। कुछ दिन पहले किसानों ने लुधियाना के विधायक सिमरनजीत सिंह बैंस के नेतृत्व में अमृतसर-पठानकोट हाईवे बंद कर धरना दिया था। उस समय प्रशासनिक अधिकारियों ने किसानों को 2 दिन के भीतर उनकी समस्या का समाधान करवाने की बात कह कर यातायात खुलवा दिया था, मगर 2 दिन बीत जाने के बाद भी उनकी मांग को पूरा नहीं किया गया।
इस झूठे आश्वासन से हताश किसानों ने आज शूगर मिल के गेट पर ताला जड़ दिया तथा मिल के अंदर स्टाफ को नजरबंद कर दिया। पंजाब प्रधान बलदेव सिरसा ने कहा कि न तो कर्जा माफी और न ही कोई अन्य सुविधा लेने के लिए किसान धरना लगा रहे हैं, बल्कि वे अपनी मेहनत की कमाई हासिल करने के लिए धरना लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पिछले लंबे समय से वे संघर्ष कर रहे हैं लेकिन हर बार उन्हें झूठे आश्वासन ही दिए जाते हैं।
प्रशासनिक अधिकारियों के आश्वासन के बाद खोला गेट
शूगर मिल में किसानों द्वारा दफ्तर का गेट बंद करने की सूचना मिलते ही ए.डी.सी. तेजिन्द्र पाल सिंह व एस.डी.एम. रमन कोछड़ मौके पर पहुंचे तथा किसान नेताओं से बातचीत की, परंतु हर बार बात विफल रही। अंत में ए.डी.सी. ने वरिष्ठ अधिकारियों से बात करने के बाद किसानों को भरोसा दिलाया कि सरकार की तरफ से हर रोज 60 लाख रुपए किसानों के खाते में जमा किए जाएंगे। किसानों ने इस भरोसे पर दफ्तर के गेट खोल दिए तथा कहा कि पूरी राशि अदा होने तक मिल के बाहर लगाया गया धरना जारी रहेगा।