Edited By Suraj Thakur,Updated: 03 Mar, 2019 03:05 PM
सरकारी राजिंदरा अस्पताल में कांट्रैक्ट पर कार्यरत 651 स्टाफ नर्सों सरकार के लिखित आश्वासन के बावजूद धरना प्रदर्शन जारी रखने का ऐलान किया है।
पटियाला। सरकारी राजिंदरा अस्पताल में कांट्रैक्ट पर कार्यरत 651 स्टाफ नर्सों सरकार के लिखित आश्वासन के बावजूद धरना प्रदर्शन जारी रखने का ऐलान किया है। इन नर्सों को रैगुलर करने के सरकार द्वारा दिए गए लिखित आश्वासन पर कतई भरोसा नहीं है। जिसके चलते अब इन नर्सों ने आंदोलन को जारी रखने के अलावा अस्पताल में अपनी फ्री सेवाएं देने का निर्णय लिया है।
गौरतलब है कि मांगों को लेकर धरने पर बैठी दो नर्सें गुरूवार को अस्पताल की छटी मंजिल से कूद गईं थीं। जिनमें नर्सिंग स्टाफ की प्रधान कर्मजीत कौर औलख की हालत लगातार गंभीर बनी हुई है। उन्हें सांस लेने में भी दिक्कत हो रही थी, जिस कारण शनिवार सुबह औलख को आक्सीजन लगा दी गई है। औलख के साथ ही बिल्डिंग से छलांग लगाने वाली नर्स बलजीत कौर खालसा की भी हालत संतोषजनक नहीं बताई जा रही है।
नर्सों के इस आंदोलन को आक्रामक देखते हुए स्वास्थ्य मंत्री ब्रह्म मोहिंदरा को खुद मौके पर पहुंचना पड़ा था। उन्होंने नर्सों को जानकारी दी थी कि कैबिनेट की मीटिंग में फैसला लिया गया है कि 7 मार्च तक मेडिकल एजूकेशन एंड रिसर्च विभाग के अधीन काम कर रही 651 स्टाफ नर्सों, 130 चौथा दर्जा मुलाजिमों और 75 अनसैलरी वर्करों को रैगुलर कर दिया जाएगा। इसके बाद राजिंदरा अस्पताल की नर्सों व अन्य स्टाफ ने अपनी हड़ताल खत्म कर दी थी। जबकि आज रविवार को फिर से पलटते हुए नर्सों ने आंदोलन को जारी रखने का ऐलान कर दिया।