श्री दरबार साहिब पर हुए हमले का मामला, जत्थेबंदियों ने निकाला रोष मार्च

Edited By Urmila,Updated: 04 Jul, 2022 02:11 PM

the case of the attack on shri darbar sahib the bandits took out a fury march

पंजाबी राज्य मोर्चा के दौरान 4 जुलाई, 1955 को विभिन्न सिख जत्थेबंदियों ने तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा श्री दरबार साहिब पर करवाए गए हमले की याद में अमृतसर ...

अमृतसर (गुरिंदर सागर): पंजाबी राज्य मोर्चा के दौरान 4 जुलाई, 1955 को विभिन्न सिख जत्थेबंदियों ने तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा श्री दरबार साहिब पर करवाए गए हमले की याद में अमृतसर विरासत मार्ग गुरुद्वारा श्री संतोखसर साहिब से रोष मार्च निकाला गया। इस रोष मार्च में बड़ी गिनती में संगत ने भी शमूलियत की। इस दौरान पत्रकारों से बातचीत करते रणजीत सिंह दमदमी टकसाल नेता फाउंडेशन भिंडरावाले और भूपिंदर सिंह ने 6 जून को कहा कि जून 1984 में भारत की कांग्रेस सरकार ने सचखंड श्री दरबार साहिब और श्री अकाल तख्त साहिब पर किए गए सैन्य हमले से पहला पंजाबी राज्य मोर्चा को दबाने के लिए इस पवित्र स्थान पर हमला किया गया था। 

यह हमला 3 से 4 जुलाई, 1955 की रात को हुआ था। इस बीच सरकार ने श्री दरबार साहिब समूह स्थित भारी संख्या में पुलिस भेजी गई थी जिसकी अगुवाई डी.आई.जी. महाशा अश्विनी कुमार श्रम ने की थी। उन्होंने आगे कहा कि उस समय कांग्रेस सरकार के तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू थे और पंजाब के मुख्यमंत्री भीम सेन सच्चर थे। उन्होंने कहा कि सरकार आज तक सिखों के साथ भेदभाव करती आई है और कैदी लंबे समय से जेलों में बंद हैं। सरकार अभी तक उनको रिहा करने का कोई फैसला नहीं ले रही। 

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