Edited By Kamini,Updated: 20 Dec, 2025 06:28 PM

गाड़ी रखने के शौकिनों के लिए बेहद खास खबर सामने आई है।
दौरंगला (नंदा): गाड़ी रखने के शौकिनों के लिए बेहद खास खबर सामने आई है। पुलिस ने ट्रैफिक नियमों को तोड़ने और गैर-कानूनी तरीके से गाड़ियों को मॉडिफाई करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के आदेश जारी किए हैं। पूरे राज्य में पुलिस अधिकारियों को ऐसी गाड़ियों पर कड़ी नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं। इन दिनों लोगों में अपनी बाइक और कार को मॉडिफाई करवाने का ट्रेंड तेजी से बढ़ रहा है। कई लोग किसी कंपनी से नई गाड़ी खरीदने के बाद बाजार से ऐसे बदलाव करवा लेते हैं कि गाड़ी का ओरिजिनल मेक बदल जाता है। हालांकि मॉडिफिकेशन से गाड़ी आकर्षक दिखती है, लेकिन ज्यादातर लोगों को यह पता नहीं होता कि भारत में गाड़ी मॉडिफिकेशन के लिए सख्त नियम हैं।
दौरंगला थाने के SHO बनारसी दास ने बताया कि बिना परमिशन के गाड़ी को मॉडिफाई करना गैर-कानूनी है। गाड़ी की बॉडी, साइलेंसर, टायर या दूसरे टेक्निकल पार्ट्स में मॉडिफिकेशन से गाड़ी की परफॉर्मेंस पर असर पड़ सकता है, जिससे ड्राइवर और सड़क पर चल रहे दूसरे लोगों को खतरा हो सकता है। ऐसे में गाड़ी का चालान कट सकता है या गाड़ी सीज भी की जा सकती है।
उन्होंने कहा कि बहुत से लोग फैंसी नंबर प्लेट लगवा लेते हैं, जो ट्रैफिक नियमों का सीधा उल्लंघन है। ट्रैफिक पुलिस ऐसी गाड़ियों को तुरंत रोककर कार्रवाई करती है। इसके अलावा, कारों में गहरे रंग की फिल्म लगाना भी कानून के तहत जुर्म है। नियमों के मुताबिक, आगे और पीछे की खिड़कियों के लिए कम से कम 70 परसेंट और साइड की खिड़कियों के लिए 50 परसेंट विजिबिलिटी जरूरी है। SHO ने आगे कहा कि गाड़ियों में एक्स्ट्रा लाइट लगाना, फ्री-फ्लो एग्जॉस्ट लगाना, चौड़े टायर लगवाना या कंपनी के दिए साइलेंसर को बदलकर दूसरा साइलेंसर लगवाना भी गैर-कानूनी है। ऐसी गाड़ियों से आने वाली तेज और अजीब आवाज से लोगों को परेशानी होती है। उन्होंने कहा कि अजीब या तेज हॉर्न का इस्तेमाल भी कानून में मना है। लोगों से अपील की गई है कि वे ट्रैफिक नियमों का पालन करें और गैर-कानूनी मॉडिफिकेशन से बचें, ताकि सड़कों पर होने वाले हादसों से बचा जा सके।
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