अपने ही बुने जाल में फंसा पंजाब पुलिस का SHO, कारनामा जान पैरों तले खिसकी जमीन

Edited By Vatika,Updated: 16 May, 2023 11:35 AM

sho of punjab police trapped in his own web

भाजपा नेता के दफ्तर में घुसकर हमला व तोड़फोड़ करने वालों को पीड़ित बना ऑफिस में बैठे नेता खिलाफ ही दर्ज कर दी डकैती की एफ.आई.आर.

जालंधर: थाना नई बारादरी में तैनात किए काम चलाऊ एस.एच.ओ. सुखचैन सिंह को भाजपा नेता गौरव लूथरा पर दर्ज की गई फर्जी एफ.आई.आर. के मामले में पुलिस कमिश्नर कुलदीप सिंह चाहल ने सस्पैंड कर दिया है। पूर्व एस.एच.ओ. सुखचैन सिंह ने निजी फायदे के चलते अपने किसी भी उच्चाधिकारी को बिना बताए एफ.आई.आर. दर्ज की थी। हैरानी की बात है कि जिन लोगों के खिलाफ गौरव लूथरा ने अपने दफ्तर में आकर उससे मारपीट और तोड़फोड़ करने के आरोप लगा कर केस दर्ज करवाया था, एस.आई. सुखचैन सिंह ने उन्हीं हमलावरों को पीड़ित बनाकर गौरव लूथरा को धारा-394 (डकैती और मारपीट करने की धारा) में नामजद कर लिया और अपने ही दफ्तर में बैठे गौरव को डकैत घोषित कर दिया।

सब-इंस्पैक्टर सुखचैन सिंह को इतना नहीं पता कि कोई अपने दफ्तर आए किसी व्यक्ति से कैसे पैसों को लूट लेगा जबकि उसका कोई प्रूफ भी नहीं था। दरअसल भाजपा नेता गौरव ने 2 मई को चहार बाग के रहने वाले विकास शर्मा उर्फ चीनू, उसके दो बेटों अंश व वंश समेत 10 अज्ञात लोगों पर केस दर्ज करवाया था। लूथरा का आरोप था कि विकास शर्मा जबरदस्ती उससे अपनी पत्नी का पासपोर्ट संबंधी काम करवाने का दबाव बना रहा था जिसे मना करने पर उसने अपने साथियों समेत कचहरी में आकर उसके दफ्तर के अंदर घुसकर उससे मारपीट की जबकि उसके साथियों ने बुरी तरह से पीटा। यह केस थाना नई बारादरी में दर्ज किया गया था और सारा मामला पुलिस कमिश्नर कुलदीप सिंह चाहल के भी ध्यान में था, क्योंकि इस मारपीट की वीडियो वायरल हो गई थी। हालांकि विकास शर्मा ने इस मामले में कच्ची जमानत ले ली थी।

उसके बाद नामजद हुआ पक्ष थाना नई बारादरी के पूर्व प्रभारी सुखचैन सिंह के साथ मीटिंगें करता भी दिखा और फिर 13 मई की रात को गुपचुप तरीके से विकास शर्मा के जानकार अमृतपाल सिंह पुत्र गुरदेव सिंह निवासी तरनतारन के बयान दर्ज करके 14 मई को गौरव लूथरा और उसके साथियों पर धारा-324, 323, 506, 394, 34 आई.पी.सी. के अधीन केस दर्ज कर लिया। बता दें कि धारा-394 तब लगाई जाती है जब किसी को लूटने के लिए उसे घायल करने की वारदात को अंजाम दिया जाता है। इस धारा को डकैती की वारदात में इस्तेमाल किया जाता है लेकिन इस नासमझ सब इंस्पैक्टर ने उस व्यक्ति पर यह धारा लगा दी जो अपने दफ्तर में बैठकर काम कर रहा था और जिनके बयान लिए गए, वे पहले से ही इसी केस में नामजद हैं। जैसे ही गौरव लूथरा को पता लगा कि उसके खिलाफ केस दर्ज हो गया है तो उसने पुलिस के उच्चाधिकारियों से सम्पर्क किया। पुलिस अधिकारियों को इस एफ.आई.आर. के बारे पता ही नहीं था। उन्होंने जब अपने लैवल पर पता करवाया तो गौरव लूथरा की बात सही निकली। गौरव लूथरा ने इस संबंधी ए.सी.पी. सैंट्रल निर्मल सिंह को बयान भी दर्ज करवाए हैं। उन्होंने उक्त एफ.आई.आर. रद्द करने और सुखचैन सिंह के खिलाफ बनती कार्रवाई करने की भी मांग रखी है। थाना नई बारादरी का एडीशनल चार्ज अब सब-इंस्पैक्टर पलविंदर सिंह को सौंपा गया है।

एस.एच.ओ. ने अपने मुंह से कहा था कि वीडियो वायरल न होती तो पर्चा दर्ज न करता : गौरव लूथरा
भाजपा
 नेता गौरव लूथरा ने बताया कि विकास शर्मा उर्फ चीनू, उसके दोनों बेटों और अन्य अज्ञात हमलावरों पर जब केस दर्ज हुआ था तो चीनू फरार हो गया था। 6 मई की शाम उसे थाने से फोन आया कि वह अपने साथ गवाह लेकर थाना नई बारादरी पहुंचे। गौरव ने बताया कि जब वह एस.एच.ओ. के कमरे के पास पहुंचा तो विकास शर्मा समेत 2 व्यक्ति एस.एच.ओ. के कमरे में बैठकर चाय पी रहे थे। बातें करते हुए एस.एच.ओ. सुखचैन सिंह ने उनसे कहा कि अगर गौरव को पीटते हुए की वीडियो वायरल न होती तो वह केस ही दर्ज नहीं करते। यह सुनकर गौरव घबरा गया और मुंशी के कमरे में चला गया। मुंशी के कमरे में लगी एल.सी.डी. में चल रही थाने की सी.सी.टी.वी. फुटेज पर गौरव का ध्यान गया तो आरोपी पक्ष एस.एच.ओ. सखचैन सिंह के साथ चाय की चुस्कियां ले रहा था। इस संबंधी गौरव ने सी.पी. को फोन करके बताया। सी.पी. ने जैसे ही ए.सी.पी. निर्मल सिंह को थाने भेजा तो ए.सी.पी. निर्मल सिंह ने विकास शर्मा को देख लिया जबकि अन्य लोग भाग गए। ए.सी.पी. को आए देख एस.एच.ओ. ने आनन-फानन में अपने टेबल से चाय के कप भी उठवा दिए। हालांकि तब विकास शर्मा के पास जमानत के कागज थे जिसके कारण उसे जाने दिया था।

काम चलाऊ एस.एच.ओ. से लोग भी थे नाखुश
जब
 से थाना नई बारादरी का चार्ज मोगा से आए काम चलाऊ सब इंस्पैक्टर सुखचैन सिंह ने संभाली, थाने के इलाके में क्राइम ग्राफ बढ़ता ही गया। जिस इलाके में 20 सालों से कोई क्राइम नहीं हुआ वहां पर क्रिमिनल लोगों ने घुस कर गाड़ियों के शीशे तोड़ डाले। लोग भी इस एस.आई. से नाखुश थे। हैरानी की बात है कि थाने के अधीन आते इलाकों में पुलिस मुलाजिम तक सुरक्षित नहीं थे और चोर-लुटेरों के हौसले लगातार बढ़ते जा रहे थे। थाने में आने वाले लोगों के काम भी रुके हुए थे।इस एस.आई. को पता था कि अब उसके मोगा वापस जाने का समय हो गया है, क्योंकि चुनावों के मद्देनजर जालंधर कमिश्नरेट में ऐसे एस.आई. को एस.एच.ओ. बना दिया गया था जिसे कुछ पता ही नहीं। यही कारण था कि उसने अपने अधिकारियों को धोखा देकर ट्रांसफर से कुछ समय पहले निजी फायदा लेकर गौरव लूथरा पर एफ.आई.आर. कर दी।

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