Edited By Tania pathak,Updated: 19 Oct, 2020 10:02 AM
शौर्य चक्र विजेता कामरेड बलविंद्र सिंह जिसने इलाके के लोगों की जान बचाने के लिए आतंकवादियों के साथ 18 से अधिक मुकाबले अपने परिवार के साथ मिल कर...
तरनतारन (रमन): जिले के कस्बा भिखीविंड में बीते शुक्रवार शौर्य चक्र विजेता कामरेड बलविंद्र सिंह की 2 युवाओं द्वारा बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। इस घटना के असली आरोपियों को पकडऩे के लिए जहां पुलिस आतंकवादी हमले के अंतर्गत जांच कर रही है वहीं पुलिस इस को निजी दुश्मनी का कारण समझते हुए जांच को और आगे बढ़ा रही है, जिसके तहत पुलिस को 3 दिनों के बाद कुछ अहम तथ्य नजर आए हैं। इससे यह उम्मीद लगाई जा रही है कि केस को जल्द सुलझा लिया जाएगा। गौर हो कि पुलिस की तरफ से अब तक जहां 8 लोगों को राऊंडअप किया गया है वहीं आस-पास के इलाकों में लगे करीब 50 कैमरों की जांच की जा चुकी है।
पुलिस निजी दुश्मनी को बना रही आधार
शौर्य चक्र विजेता कामरेड बलविंद्र सिंह जिसने इलाके के लोगों की जान बचाने के लिए आतंकवादियों के साथ 18 से अधिक मुकाबले अपने परिवार के साथ मिल कर किए थे, इस संबंधित कामरेड बलविंद्र सिंह सहित 4 सदस्यों को शौर्य चक्र के साथ सम्मानित किया गया था। देश के बहादुर कामरेड की हत्या करने वाले दोनों नकाबपोशों की खोज के लिए पुलिस टीमों द्वारा अब तक आस-पास की मुख्य सड़कों और बाजारों में लगे करीब 50 सी.सी.टी.वी. कैमरों को खंगाला जा चुका है। इसके साथ ही पुलिस इस घटना को जहां आतंकवादी हमले के साथ जोडऩे से इंकार नहीं कर रही वहीं पुलिस इसको किसी निजी दुश्मनी का आधार बनाकर जांच में लगी हुई है। पुलिस द्वारा इसके संबंधित करीब 8 लोगों को शक के तहत राऊंडअप कर जांच अभी तक जारी है, जिसके अंतर्गत पुलिस को कुछ अहम तथ्य नजर आए हैं। इन तथ्यों के बारे पुलिस ने फिलहाल मीडिया के सामने कोई जानकारी पेश नहीं की, परंतु उम्मीद जताई जा रही है कि पुलिस इस केस को जल्द हल करते हुए पीड़ित परिवार को इंसाफ दिलाने में अपना अहम रोल अदा करेगी।
पीड़ित परिवार ने मुख्यमंत्री से लगाई गुहार
मृतक कामरेड बलविंद्र सिंह की पत्नी जगदीश कौर, भाई रणजीत सिंह, भाभी बलराज कौर, बेटे गगनदीप सिंह, अर्शदीप सिंह, बेटी प्रनप्रीत कौर ने इस हत्या के आरोपियों को जल्द काबू करते हुए इंसाफ लेने के लिए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह से इंसाफ की गुहार लगाई है। इसके साथ ही कामरेड बलविंद्र सिंह को आतंकवादियों के साथ अपनी जान पर खेलकर लोगों की जान बचाने के अंतर्गत किए गए मुकाबलों के बदले शहीद का दर्जा और परिवार के एक मैंबर को सरकारी नौकरी देने की मांग भी की है।