Edited By Vaneet,Updated: 28 Feb, 2019 06:50 PM
जो किस्मत में होता है वही मिलता है। यह उदाहरण श्री मुक्तसर साहिब के गांव दौला में सिद्ध हुई है...
श्री मुक्तसर साहिब: जो किस्मत में होता है वही मिलता है। यह उदाहरण श्री मुक्तसर साहिब के गांव दौला में सिद्ध हुई है। बता दें कि गोपाल सिंह ने मंगनी के बाद कम पढ़ी लिखी होने के कारण छिन्दर कौर के साथ रिश्ता तोड़ दिया था परन्तु लड़की की कुर्बानी और 16 वर्षों के लम्बे अरसे के बाद आखिर छिन्दर कौर का विवाह गोपाल सिंह (38) के साथ हो गया।
कम पढ़ी लिखी होने के कारण तोड़ दिया था रिश्ता
मिली जानकारी अनुसार गोपाल सिंह के जन्म के बाद उसकी मां का निधन हो गया था, जिसके बाद उसके ननिहाल परिवार ने उसका पालन-पोषण किया। गोपाल सिंह ने पढ़ाई के बाद जिंदगी के गुजारे के लिए अपने कैंटर पर ड्राईवरी करने लग पड़ा। करीब 16 वर्ष पहले गोपाल सिंह की मंगनी छिन्दर कौर (8वीं पास) के साथ हो गई थी। कम पढ़ी लिखी होने के कारण गोपाल ने यह रिश्ता तोड़ दिया था जिसके बाद छिन्दर कौर ने प्रण लिया कि यदि वह विवाह करवाएगी तो उसी के साथ करवाएगी नहीं तो माता-पिता के घर से उसकी अर्थी ही उठेगी। छिन्दर कौर के घर अक्सर ही विवाह की बातचीत चलती रहती थी परन्तु वह विवाह
करवाने को राजी नहीं थी।
16 वर्षों के बाद हुआ ऐसा...
16 वर्षों के लम्बे समय बाद एक दिन छिन्दर कौर के भाई का गोपाल सिंह के साथ मेल हुआ तो उसने घर-परिवार और बाल-बच्चों के बारे में पूछा तो उसने जवाब दिया कि अभी उसने विवाह नहीं करवाया। छिन्दर कौर के भाई ने जब बताया कि उसकी बहन ने विवाह नहीं करवाया तो गोपाल सिंह ने छिन्दर कौर की कुर्बानी और अपनी गुजरती उम्र की तरफ देखते हुए विवाह करवाने के लिए हां कर दी।