Edited By Urmila,Updated: 29 Sep, 2024 01:34 PM
शातिर साइबरों ने अब बड़े घरानों को अपना निशाना बनाना शुरू कर दिया है, एक के एक बाद नामी कारोबारी इनका शिकार हो रहे है।
लुधियाना (राज): साइबर क्रिमिनल पैसों की ठगी के लिए अब तक छोटे-छोट कारोबारियों को अपना निशाना बनाते रहे है। लेकिन, इस बार साइबर ठगों ने शहर के प्रमुख टेक्सटाइल एवं यार्न कारोबारी को ही अपना निशाना बना लिया। सी.बी.आई. अधिकारी बनकर और उन्हे सुप्रीम कोर्ट का फर्जी अरेस्ट वारंट भेजकर डराकर करीब सात करोड़ रुपए ट्रांसफर करवा लिए। मगर उन्हें बात में एहसास हुआ कि उक्त लोग कोई सीबीआई अधिकारी नहीं बल्कि साइबर ठगे थे।
इसके बाद उन्होने पुलिस कमिश्नर के ध्यान में सारा मामला लाया गया जिसके बाद साइबर थाने की पुलिस ने जांच शुरू की और तार जोड़ते हुए साइबर ठगों के गिरेंबान तक पहुंच गई। अब पुलिस ने उक्त केस में शामिल कई ठगों को पकड़ा है। हालांकि, पुलिस अधिकारियों की तरफ से अभी तक इस केस के बारे में कोई ठोस जानकारी नहीं दी जा रही है। पता चला है कि जल्द पुलिस कमिश्नर एक प्रैसवार्ता कर इसका खुलासा कर सकते है।
जानकारी के मुताबिक यह ठगी विश्व की प्रमुख टैक्सटाइल और यार्न कंपनी वर्धमान ग्रुप के चेयरमैन और पदम श्री एस.पी. ओसवाल के साथ हुई है। सूत्रों से पता चला है कि कुछ दिनों पहले उन्हे साइबर ठगों ने संपर्क किया था और कहा था कि किसी केस में उनकी डिजिटल अरेस्ट डाली गई है। वह उक्त केस की जांच में उनका सहयोग करें। यहां तक के साइबर ठगों ने सब कुछ असली दिखाने के लिए एक सुप्रीम कोर्ट को अरेस्ट वारंट भी भेजा था। जिससे पहले किसी तहर की ठगी का एहसास नहीं हुआ था। आरोपियों के बात करने का लेहजा ऐसा था कि पता नहीं चल पाया कि यह लोग कोई सीबीआई अधिकारी नहीं बल्कि ठग है।
आरोपियों ने एस.पी. ओसवाल के बारे में सब कुछ पहले से ही स्टडी किया हुआ था इसलिस उन्होंने कहा भी कि उन्हे पता है कि वह विश्व के प्रमुख व्यक्यिों में माने जाते है। वह सिर्फ केस की जांच कर रहे है। इसलिए वह उनके साथ पूरा सहयोग करें। आरोपियों ने जो भी केस के संबंध में जो भी दस्तावेज भेज थे। वह बिल्कुल असली लग रहे थे। उन्होने उन्हे बुलाने के लिए सम्मन भी भेजा था इसलिए वह ठगों के झांसे में आ गए थे। फिर ठगों ने अपनी बातों में उलझा कर और केस खत्म करने का कह कर करोड़ों रुपए ठग लिए थे।
उधर, इस केस को पुलिस कमिश्नर कुलदीप सिंह चाहल कुछ पर्सनली देख रहे है। साइबर थाने की पुलिस ने कुछ आरेापियों को अलग-अलग राजयों से काबू किया है। जल्द सी.पी. इस केस का खुलासा कर सकते है। फिलहाल यह जानकारी सामने आई है कि पुलिस ने वर्धमान ग्रुप मामले में 9 आरोपियों को नामजद किया है और करीब 5 करोड़ रुपए की रिकवरी हुई है।
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