Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Jan, 2018 12:46 AM
पेट्रोल और डीजल पर कर का बोझ कम करने का दबाव बनाने के लिए पंजाब के पेट्रोल पंप मालिकों ने मंगलवार से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर जाने की धमकी दी। उन्होंने भूख हड़ताल की सोमवार को घोषणा करते हुए कहा कि पेट्रोलियम उत्पादों की तस्करी से उन्हें बेहद...
चंडीगढ़: पेट्रोल और डीजल पर कर का बोझ कम करने का दबाव बनाने के लिए पंजाब के पेट्रोल पंप मालिकों ने मंगलवार से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर जाने की धमकी दी। उन्होंने भूख हड़ताल की सोमवार को घोषणा करते हुए कहा कि पेट्रोलियम उत्पादों की तस्करी से उन्हें बेहद नुकसान हो रहा है।
पेट्रोल पंप डीलर्स एसोसिएशन ऑफ पंजाब के अध्यक्ष परमजीत सिंह दोआबा ने यहां एक प्रेसवार्ता में कहा, ‘‘यदि पंजाब सरकार उनकी मांगें स्वीकार नहीं करती है तो हम राज्यभर में अपने पेट्रोल पंप बंद करके प्रदर्शन को तेज करेंगे। हम सरकार को कई ज्ञापन सौंप चुके हैं, लेकिन उन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई, इसलिए हमारे पास कोई विकल्प नहीं बचा और हमें विरोध प्रदर्शन करना होगा।’’ एसोसिएशन का दावा है कि पड़ोसी राज्यों के मुकाबले राज्य में पेट्रोल-डीजल पर ज्यादा मूल्य वर्धित कर (वैट) होने से राज्य को पिछले 17 साल में 40,000 करोड़ रुपए के राजस्व का नुकसान हुआ है।
एसोसिएशन के प्रवक्ता जी. एस. चावला ने कहा कि हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और चंडीगढ़ के मुकाबले राज्य में वैट ज्यादा होने से बिक्री कम होती है और सरकार को हर साल करीब 2,000 करोड़ रुपए का राजस्व नुकसान झेलना होता है। वर्तमान में राज्य में पेट्रोल और डीजल पर क्रमश: 37.54% और 17.78% कर लगता है। पड़ोसी राज्य हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली और चंडीगढ़ में पेट्रोल पर क्रमश: 26.25%, 27%, 27% और 24.77% कर है। जबकि डीजल पर हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली और चंडीगढ़ में क्रमश: 17.22%, 16%, 17.39% और 16.43% की दर से वैट लगता है।