Edited By Tania pathak,Updated: 13 Oct, 2020 02:33 PM
इस मौके जानकारी देते प्रधान सुनमदीप सिंह भुल्लर ने बताया वह और एक पंचायत सचिव सरकार और उच्च आधिकारियों की हिदायतें....
भवानीगढ़ (कांसल): बीते दिन नजदीकी गांव बल्याल में पराली जलाने संबंधी पड़ताल करने गए स्थानीय रैवीन्यू पटवार यूनियन तहसील भवानीगढ़ के प्रधान पटवारी सुमनदीप सिंह भुल्लर और उसके साथ गए एक पंचायत सचिव को किसानों की तरफ से घेराव कर कई घंटा बंदी बनाऐ जाने की किसानों की कार्यवाही की रैवीन्यू पटवार यूनियन ने सख़्त शब्द में निषिद्धता की। स्थानीय तहसील कंपलैक्स में रैवीन्यू पटवार यूनियन की तरफ से रैवीन्यू पटवार यूनियन तहसील भवानीगढ़ के प्रधान पटवारी सुमनदीप सिंह भुल्लर की तरफ से गई मीटिंग में उक्त मसला बहुत ही गंभीरता के साथ विचार-विमर्श किया गया।
इस मौके जानकारी देते प्रधान सुनमदीप सिंह भुल्लर ने बताया वह और एक पंचायत सचिव सरकार और उच्च आधिकारियों की हिदायतें मुताबिक जब गांव बल्याल में पराली को आग लगाने से रोकने के लिए गए तो वहाँ इक्कठा हुए किसानों ने उनका घेराव कर बंदी बना लिया। जब किसानों ने घेराव किया तो उन्होंने इस की सूचना सब-डीवज़न के ऐस्स.डी.ऐम्म. भवानीगढ़ और तहसीलदार को अपने मोबाइल फोन के द्वारा सूचित करते मदद की गुहार लगाई। परंतु किसी भी अधिकारी ने संकट में फंसे अपने मुलाजिमों को छुड़ाने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया। जिस कारण उनको कई घंटे किसानों की तरफ से बंदी बना कर रखा गया।
उन्होंने कहा कि पराली को आग लगाने से रोकने का काम सिविल प्रशासन का नहीं है और पटवारी की इस मामले सिर्फ यह ड्यूटी बनती है कि वह पराली जलाने वाले खेत संबंधी किसान का नाम और जमीन के नंबर की जानकारी दे कि यह जमीन किस किसान की है और किसानों को आग लगाने से रोकने और उनके विरुद्ध मामला दर्ज करने की ड्यूटी पुलिस की बनती है।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की तरफ के पास किए कृषि कानूनों को लेकर किसानों का गुस्सा पहले ही सातवें आसमान पर है और ऐसे में बिना पुलिस और सुरक्षा से सिविल के छोटे आधिकारियों और कर्मचारियों को खेतों में जांच और पराली को आग लगाने से रोकने के लिए भेज कर सरकार और प्रशासन की तरफ से कर्मचारियों को आग में झोंका जा रहा है। जोकि गलत है। पटवारियों के रिकार्ड भी अब सुरक्षित नहीं है।
यूनियन ने रोष प्रकट करते कहा कि उन्होंने यह फ़ैसला किया है कि जब तक पराली जलाने संबंधी जांच करते समय उनकी किसी सुरक्षा की गारंटी नहीं दी जाती, तब तक वह इस काम का बॉयकॉट रखेंगे। मीटिंग में मनीष कुमार, मंगत राय, अमरिन्दर सिंह, भुपिन्दर कौर, राज कुमार, कुलविन्दर सिंह, प्रेम कुमार, मनजीत सिंह, परमजीत सिंह, सुरिन्दर सिंह, बलजीत सिंह, हरविन्दर सिंह और हरदीप सिंह उपस्थित थे।