Edited By Kalash,Updated: 19 Jun, 2022 03:18 PM

मार्च महीने में ठेके टूटने के अंतिम दिनों में ठेकेदारों द्वारा शराब के दाम बेहद कम कर दिए जाते थे
जालंधर (पुनीत): मार्च महीने में ठेके टूटने के अंतिम दिनों में ठेकेदारों द्वारा शराब के दाम बेहद कम कर दिए जाते थे, जिससे ठेकों पर भीड़ लग जाती थी। इस बार नई बनी सरकार अप्रैल में पॉलिसी नहीं ला सकती, जिसके चलते मार्च में ठेके नहीं टूटे। नई एक्साइज पॉलिसी 1 जलाई से आ रही है और लोगों को शराब के ठेके टूटने का इंतजार कर रहे हैं। आमतौर पर ठेके टूटने पर ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए ढोल बजाकर शराब सस्ती होने का प्रचार किया जाता था ताकि स्टाक क्लीयर हो सके। इसके चलते औने-पौने दाम पर शराब उपलब्ध होने से रूटीन में पीने वाले शराब का स्टाक कर लेते थे, जिससे पीने वालों के पैसों की बचत हो जाती थी।
इस बार ऐसा होना मुश्किल है क्योंकि कई ठेकेदारों के पास शराब का स्टॉक कम होने के कारण वह दामों में गिरावट नहीं कर रहे। एक्साइज विभाग के नियमों में पिछले समय के दौरान हुए बदलाव व नई एक्साइज पॉलिसी के पूरे घटनाक्रम के चलते इस बार ढोल की थाप पर ठेके नहीं टूटेंगे, इसके चलते लाल परी के दीवानों में निराशा देखने को मिल रही है। देहात के कुछ ठेकों पर शराब के दाम कम हुए है, लेकिन शहरों के अधिकतर ठेकों में शराब सस्ती नहीं हो पाई है, जबकि बियर का स्टाक निकालने के लिए 150 रुपए के बड़े-बड़े बैनर लगाकर बियर बेची जा रही है। लगभग सभी ठेकों में शराब की 10 बोतल के रेट पर पेटी बेची जा रही है।
पॉलिसी के मुताबिक हर वर्ष अप्रैल से नए ठेके शुरू होता है और विभाग द्वारा नए ठेकों की अलाटमैंट मार्च के दूसरे-तीसरे सप्ताह में कर दी जाती है ताकि ठेकेदारों को अपना स्टॉक क्लीयर करने का मौका मिल सके। जिन ठेकेदारों को अगले साल के लिए ठेके मिलते है, उन्हें स्टॉक क्लीयर करने का कोई दबाव नहीं होता क्योंकि वह विभाग को कुछ प्रतिशत फीस अदा करके शराब को अगले साल में रिन्यू कर लेते हैं। जिन ठेकेदारों को अगले सैशन के लिए ठेके नहीं मिलते वह दाम करके शराब का स्टाक क्लीयर करते हैं। उक्त ठेकेदारों द्वारा शुरूआत में 100 रुपए बोतल कम की जाती है और 31 मार्च तक पहुंचते-पहुंचते दामों में बेहद गिरावट देखने को मिलती है।
पंजाब में पहली बार सत्ता में आई आम आदमी की सरकार द्वारा एक्साइज पॉलिसी में कई तरह के बदलाव किए जाने थे, जिसके चलते सरकार ने पुराने ठेकों की समय अवधि में 3 महीने की बढ़ौतरी कर दी। अब नई पॉलिसी 1 जुलाई से लागू होने वाली है, जिसमें 10-12 दिन का समय शेष बचा है, लेकिन इसके बावजूद अधिकतर शराब के ठेकों पर महंगी शराब बिक रही है।
जानकारों का कहना है कि शराब के दामों में बड़ी गिरवाट तभी संभव हो पाएगी जब पुराने ठेकेदार ठेकों के काम में रूचि नहीं दिखाएंगे। इसके चलते सस्ती शराब के चाहवानों को कुछ दिन इंतजार करना पड़ेगा। वहीं, इस बार सरकार ने जब 3 माह के लिए पॉलिसी बढ़ाई तो शराब के ठेकेदारों पर कोटे के तहत शराब खरीदना का अधिक बोझ नहीं डाला गया। इसके चलते ठेकेदारों में बड़े स्तर पर शराब स्टॉक नहीं की। ठेकेदारों के लिए राहत इस बात की कि वह कुछ प्रतिशत फीस देकर शराब के स्टॉक को अगले साल में रिन्यू कर लेंगे।
नए ग्रुपों के टैंडर को लेकर असमंजस की स्थिति
विशेषज्ञों का कहना है कि शराब के पुराने ठेकेदार यदि टैंडर में भाग नहीं लेना चाहते तो उन्हें शराब का स्टॉक क्लीयर कर देना चाहिए, लेकिन ऐसा भी नहीं किया जा रहा। जालंधर जोन में 23 जून से शराब के टैंडर भरने शुरू हो जाएंगे व 28 जून को टैंडर खोले दिए जाएंगे, जिसके बाद स्थिति क्लीयर हो पाएगी। टैंडरों की प्रक्रिया के पहले जोन पटियाला में 64 ग्रुप बनाए गए थे, जिसमें से 14 ग्रुपों के लिए टैंडर हुए।
विभाग ने कहा कि कई ठेकेदार जानकारी के आभाव में टैंडर नहीं भर पाए जिसके चलते पटियाला जोन में टैंडर भरने के लिए 21 जून तक का समय बढ़ा दिया गया। अब 21 जून को पता चलेगा कि कितने ग्रुपों के लिए टैंडर हुआ। पटियाला जोन में मिलने वाले रिस्पांस का जालंधर के टैंडरों पर भी असर देखने को मिलेगा। फिलहाल नए ग्रुपों के टैंडर को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। जालंधर में टैंडर फीस 30 करोड़ तक रखी गई है। अब देखना होगा कि विभाग की नई पॉलिसी को क्या रिस्पांस मिलता है।
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