नई एक्साइज पॉलिसीः बड़े ग्रुपों का टूटेगा 'नेक्सस', शराब-बीयर के चाहवानों को मिलेगा...

Edited By Urmila,Updated: 13 Jun, 2022 02:55 PM

new excise policy  nexus  of big groups will be broken

नई आबकारी नीति 1 जुलाई से लागू हो रही है। इसके तहत ठेके पर शराब और बीयर बेचने के गठजोड़ को तोड़ा जाएगा और चाहवान आसानी से अपनी पसंद का ब्रांड ढूंढ सकेंग...

जालंधर (पुनीत): नई आबकारी नीति 1 जुलाई से लागू हो रही है। इसके तहत ठेके पर शराब और बीयर बेचने के गठजोड़ को तोड़ा जाएगा और चाहवान आसानी से अपनी पसंद का ब्रांड ढूंढ सकेंगे। कई लोगों की शिकायत है कि हर ठेके पर उनकी पसंद की बीयर और शराब नहीं दी जाती है, जिससे उन्हें ठेके पर दी गई बीयर और शराब पीने के लिए मजबूर होना पड़ता है। लोगों को अपनी पसंद का ब्रांड लेने के लिए शहर से बाहर ठेके पर जाना पड़ता है लेकिन यह सबके लिए संभव नहीं है, जिसके कारण उन्हें ठेके पर रखी बीयर पीनी पड़ती है। अब ऐसा नहीं होगा क्योंकि नई आबकारी नीति में सरकार ने शराब की मनमानी बिक्री के नेकस्स को तोड़ा है। यह कितना सफल होगा यह तो आने वाला समय ही बताएगा लेकिन विभाग द्वारा नीति में निर्धारित नियमों के अनुसार शराब के शौकीनों को विभिन्न सुविधाएं मिल सकेंगी।

नई पॉलिसी के तहत पंजाब में केवल एक एल-1 (शराब का गोदाम) होगा जिसके माध्यम से ठेकों पर शराब की डिलीवरी की जाएगी। 30,000 से अधिक बॉक्स बेचने वाली कंपनी के पास एक अलग L-1 होगा। महत्वपूर्ण बात यह है कि एल-1 की मांग करने वाले किसी भी व्यक्ति की फैक्टरी (डिस्टिलरी) ठेकों के ग्रुप में हिस्सेदारी नहीं होनी चाहिए। बड़ी कंपनी के पास पंजाब में एक जगह एल-1 स्थापित होगा, जबकि पहले हर शहर में कई एल-1 होते थे। यह एल-1 दूसरे शहरों और गांवों में शराब पहुंचाएगा। एल-1 लाइसेंसधारी किसी भी शहर में अपना वेयर हाउस खोल सकता है। इस जरिए आगे ठेके पर शराब पहुंचाने की जिम्मेदारी भी एल-1 की होगी।

30,000 रुपए की बिक्री वाली कंपनी के पास एक अलग एल-1 होगा, जो संबंधित कंपनी के सभी ब्रांडों को उपलब्ध कराएगा। साथ ही कम बिक्री वाली कंपनियों को मिक्स एल-1 में शराब बेचने की इजाजत होगी। देसी शराब के लिए अलग एल-1 भी होगा। पिछले समय दौरान नियमों में तरह-तरह की छूट दी जा रही थी। जो कंपनी शराब बनाती थी, उसका ही एल-1 होता थ और आगे उसके ठेके होते थे। इस कारण शराब और बीयर बनाने वाली कंपनियों ने अपने ब्रांड को बढ़ावा देने और अन्य ब्रांडों को प्रमोट करके दूसरे ब्रांड को बेचने को महत्व नहीं देती थी। जिस कारण लोगों को अपनी पसंद का ब्रांड मिलना बेहद मुश्किल हो गया।

वहीं, सरकार ने शराब की अवैध बिक्री पर अंकुश लगाने के लिए ट्रैक एंड ट्रेस नीति अपनाई है, जिसके तहत शराब की प्रत्येक बोतल पर स्टिकर जिसमें क्यू.आर. कोड का अंकित होगा। एल-1 में शराब आने पर स्टीकर बारकोड को स्कैन किया जाएगा, जिसके बाद शराब ठेकों पर पहुंच जाएगी। इससे शराब की अवैध बिक्री पर रोक लगेगी। विभाग ने जब भी अवैध शराब जब्त की तो पता ही नहीं चला कि शराब कहां से आई है, इसलिए अब शराब की एक बोतल स्कैन कर पता लगाया जा सकता है कि शराब किस फैक्टरी से बनाई गई थी और किस एल-1 द्वारा बाहर आई है। इससे अवैध रूप से शराब बेचने वालों के चेहरे बेनकाब होंगे।

अवैध बिक्री पर पूर्ण रूप से रोक लगेगी: वरिष्ठ एक्साइज अधिकारी बेदी
ई.टी.ओ. रैंक के वरिष्ठ एक्साइज अधिकारी हरजोत सिंह बेदी ने कहा कि नई पॉलिसी के तहत शराब के ठेकों पर विभाग की नजर में होगा। विभाग पिछले कई महीनों से इस पर काम कर रहा है, यही वजह है कि हर बोतल पर क्यू.आर. कोड लगाया जा रहा है। कोड को स्कैन कर हम पटियाला से आई शराब की पहचान कर सकेंगे। इससे शराब की अवैध बिक्री पर पूरी तरह से रोक लगेगी। ठेके पर शराब बेचने के नियम हैं और एल-1 के अलग-अलग नियम हैं। शराब के गलत तरीके से निकलने की कोई संभावना नहीं रहेगी। अगर कोई ऐसा करता पाया गया तो बनती कार्रवाई की जाएगी।

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