Edited By Kamini,Updated: 20 Dec, 2025 05:29 PM

शहर के बस स्टैंड पर उस समय अफरा-तफरी मच गई, जब प्रशासन की लीगल परमिशन टीम ने बच्चों से कथित रूप से भीख मंगवाने के मामले में कार्रवाई शुरू की।
जालंधर : शहर के बस स्टैंड पर उस समय अफरा-तफरी मच गई, जब प्रशासन की लीगल परमिशन टीम ने बच्चों से कथित रूप से भीख मंगवाने के मामले में कार्रवाई शुरू की। कार्रवाई के दौरान मौके पर मौजूद महिलाओं ने रोते-बिलखते हुए विरोध जताया और अधिकारियों पर गलत कदम उठाने का आरोप लगाया।
अधिकारियों ने बताया कि बच्चों का मेडिकल परीक्षण कराने के लिए उन्हें सिविल अस्पताल ले जाया जा रहा है, जिसके बाद उन्हें चाइल्ड वेलफेयर कमेटी (CWC) के समक्ष पेश किया जाएगा। जांच पूरी होने के बाद ही आगे की प्रक्रिया तय की जाएगी। वहीं पुलिस और प्रशासनिक टीम द्वारा बच्चों को वाहन में बैठाकर ले जाने पर परिजनों ने जोरदार हंगामा किया।

बच्चों को ले जाने की तस्वीरें आईं सामने
घटना से जुड़ी कुछ तस्वीरें भी सामने आई हैं, जिनमें अधिकारी बच्चों को गाड़ी में बैठाकर ले जाते दिखाई दे रहे हैं। प्रशासन का कहना है कि यह कदम बच्चों के हित और भविष्य को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है। अधिकारियों के अनुसार कुछ मामलों में बच्चों से भीख मंगवाकर उनका बचपन खराब किया जा रहा है, जिसे रोकना जरूरी है।
महिलाओं ने लगाए आरोप
मामले में एक महिला ने खुद को उत्तर प्रदेश का निवासी बताते हुए कहा कि वह घास मंडी इलाके में रहती है। महिला का आरोप है कि वह अपने पति से फोन पर बात कर रही थी, इसी दौरान उसकी 2 नाबालिग बेटियों को पकड़कर अनाथ आश्रम ले जाया गया। उसने बताया कि उसकी बेटियों की उम्र 10 और 12 साल है और वह उनसे भीख नहीं मंगवाती। उसके बच्चों को नाजायज अनाथ आश्रम में ले जाया गया है।
वहीं दूसरी महिला, जिसने खुद को मध्य प्रदेश की रहने वाली बताया, ने कहा कि वह नींबू बेचने के लिए जालंधर आई थी। महिला का कहना है कि उसकी दादी का हाल ही में निधन हुआ है और वह अगले दिन घर लौटने वाली थी। उसने बताया कि वह बूटा मंडी इलाके में ठहरी हुई थी और बच्चों से भीख नहीं बल्कि नींबू बिकवाती थी। फिलहाल मामले की जांच जारी है और बच्चों को CWC के समक्ष पेश किए जाने के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी।
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