Edited By Vaneet,Updated: 28 Jan, 2020 02:46 PM
लाहौर में खालिस्तानी आतंकी हरमीत सिंह हैप्पी पीएचडी की एक गुरुद्वारे के पास हुई हत्या के ...
अमृतसर: लाहौर में खालिस्तानी आतंकी हरमीत सिंह हैप्पी पीएचडी की एक गुरुद्वारे के पास हुई हत्या के बाद अब उसके परिवार वालों ने उसका शव उन्हें सौंपने की मांग की है। हैप्पी अमृतसर के नजदीकी गांव का रहने वाला था। उसने डॉक्टरेट की डिग्री की थी।
हैप्पी के पिता अवतार सिंह जो कृषि डिपार्टमैंट में से सेवा मुक्त हुए हैं। उन्होंने कहा है कि नवंबर 2008 से उनके परिवार का हैपी के साथ कोई संपर्क नहीं था। अवतार सिंह मुताबिक उनका बेटा धार्मिक विचारों वाला था और उसकी गतिविधियों के बारे में उन्हें अखबारों से पता लगा था। एनआइए की टीम ने उनको बताया था कि वह पाकिस्तान में है। हैपी के पिता के मुताबिक उनका बेटा ड्रग के धंधे में कभी नहीं था। पिता अवतार सिंह व माता खुशबीर कौर बेटे हरमीत का नाम आतंकी गतिविधियों में आने के बाद उससे अपील की थी कि वह वापस घर आ जाए। आत्म समर्पण कर अपना पक्ष रखे जिसके बाद वह आम जीवन बसर कर सके।
इससे पहले एक अन्य साक्षात्कार में उन्होंने बताया था कि नवम्बर 2008 में उन्होंने हैपी को आखिरी बार उस समय देखा था जब वह घर से पढऩे के लिए गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी गया था। उसी दिन पुलिस की रेड हुई और उन्हें बताया गया था कि हैप्पी ने पाकिस्तान से आई हथियारों की एक खेप बरामद की है, जिससे डेरा सच्चा सौदा के हैड गुरमीत राम रहीम को खत्म करना था। पुलिस के अनुसार हरमीत के 3 साथियों को गिरफ्तार कर लिया गया था जिनमें गुरसागर सिंह, सुखविन्द्र सिंह व कुलदीप सिंह शामिल थे। उनके कब्जे से भारी मात्रा में हथियार, जाली करंसी व हैरोइन बरामद की गई थी।
कुछ दिनों बाद यह खबर आई कि हरमीत पाकिस्तान चला गया। उनके बेटे ने ऐसा रास्ता क्यों अपनाया और उसे कैसे तैयार किया गया यह उनकी समझ से बाहर है। हैप्पी पीएचडी का नाम भी उनके लिए एक पहेली है क्योंकि उन्होंने उसे कभी इस नाम से नहीं पुकारा था। उनके बेटे ने फिलोस्फी में मास्टर डिग्री करने के उपरांत पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला से धार्मिक अर्थशास्त्र की भी मास्टर डिग्री की थी जिसके बाद वह गुरु नानक देव विश्वविद्यालय में जूनियर रिसर्च फैलो चुना गया और पीएचडी के लिए उसका नाम आ गया था। पीएचडी शुरू किए अभी उसे 4 माह हुए थे कि वह उन्हें छोड़ कर चला गया।