पंजाब चुनाव आयोग ने मांगा पुलिस से अपराधों का ब्यौरा, गैंगस्टरों पर नजर रखने के निर्देश

Edited By Suraj Thakur,Updated: 13 Mar, 2019 01:59 PM

election commission asks police to provide details of election offenses

आयोग ने पंजाब पुलिस से 2014 और 2017 के चुनावों में दर्ज हुए आपराधिक मामलों का ब्यौरा मांगा है।

जालंधर। चुनावों का बिगुल बजने के बाद पंजाब की सियासत अब उबाल मारने लगी है। राजनीतिक दल जहां सत्ता संग्राम के लिए रणनीति में मसरूफ हैं, वहीं राज्य चुनाव आयोग की भी हर पहलू पर पैनी नजर है। इसी के चलते आयोग ने पुलिस से 2014 और 2017 के चुनावों में दर्ज हुए आपराधिक मामलों का ब्यौरा मांगा है। आयोग ने पुलिस को गैंगस्टरों की गतिविधयों पर कड़ी नजर रखने के निर्देश जारी किए है। इस बात की पुष्टि मुख्य चुनाव अधिकारी एस करुणा राजू ने की है। विदित है कि पंजाब की सियायत में राजनीतिक दल एक दूसरे पर गैंगस्टरों को संरक्षण देने के आरोप लगाते रहते हैं। जानकारी के मुताबिक गैंगस्टरों को चुनाव के दौरान हिंसा, वोटरों को धमकाना व विरोधी पार्टियों के प्रत्याशियों पर दबाव बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

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चुनाव आयोग को कुछ तो अंदेशा है...
इसमें कोई दोराय नहीं है कि पंजाब में कांग्रेस सरकार गैंगस्टरों पर नकेल कसने में काफी हद तक कामयाब रही है। बीते दो सालों में काफी गैंगस्टर या तो गैंगवार में मारे गए हैं, या फिर एनकाउंटर में पुलिस की गोलियों का शिकार हुए हैं। कुछ गैंगस्टर ऐसे भी हैं जो एनकाउंटर के डर से सरेंडर करने के बाद सूबे की विभिन्न जेलों में बंद पड़े हुए है। यह बात तो साफ है कि यदि आयोग ने गैंगस्टरों को लेकर राज्य पुलिस को सतर्क किया है तो, कहीं न कहीं चुनावी हथकंडों में इनके द्वारा हिंसा फैलाने का अंदेशा है। यहां आपको यह भी बता दें कि पंजाब के गैंगस्टर जेलों में बंद रहकर भी योजनाबद्ध तरीके से आपराधिक घटनाओं को अंजाम दे देते हैं। ऐसा करने के बाद बाकायदा वे सोशल साइट पर वारदतों की जिम्मेदारी भी अपने सिर पर ले लेते हैं।PunjabKesari

गैंगस्टरों के राजनीतिक कनैक्शन का खुलासा...
राजनीतिज्ञों की अपरोक्ष रूप में गैंगस्टरों के साथ कनैक्शन की चर्चा तो रहती ही है, लेकिन संबंधों को लेकर जब राजनीतिक मकसद से नेता एक दूसरे पर छिंटाकशी करते हैं, तो कई चौंकाने वाली बातें सामने आती हैं। राजस्थान के श्रीगंगानर जिले में पंजाब पुलिस ने 26 जनवरी 2018 को कुख्यात गैंगस्टर और नाभा जेल ब्रेक कांड के मास्टर माइंड विक्की गौंडर को मार दिया था, तो  कांग्रेस व अकाली दल के बीच गैंगस्टरों को संरक्षण देने के आरोप-प्रत्यारोप सामने आए थे। अकाली दल ने कांग्रेस के दबंग नेता अवतार हैनरी व उनके बेटे का नाम विक्की गौंडर के साथ जोड़ दिया था। बात कहां थमने वाली थी, कांग्रेस ने भी पलटवार करते हुए इस बात का खुलासा कर डाला कि जेल में बंद गैंगस्टर रवि दयोल का संबंध अकाली नेता परमिंदर ढींडसा के साथ है। ढींढसा ने भी आवेग में आकर कांग्रेसी नेत्री राजिंद्र कौर  पर गैंगस्टरों को संरक्षण देने का आरोप लगाया है।

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केंद्र गृह मंत्राालय में भी उठ चुका है मामला...
पंजाब की जेलों में बंद या फिर फरार चल रहे गैंगस्टर समाज के लिए गंभीर खतरा बन चुके हैं। बंदूकों से खेलना और दूसरों की जान लेना इनका शौक हो चला है। पुलिस और कानून से बचने के लिए ये गैंगस्टर कई बार राजनीतिज्ञों की इच्छाओं को पूरा करने के मकसद से उनके संपर्क में आ जाते हैं। पंजाब में गैंगस्टरों के साथ राजनीतिज्ञों के संबंध व उन्हें संरक्षण देने की जांच का मसला केंद्रीय गृह मंत्रालय में भी उठा था। ऐसे कहा जा रहा था कि मंत्रालय गैंगस्टरों की जांच के लिए  नैशनल इंवैस्टीगेशन एजैंसी को ऑथराइज्ड कर सकती है, लेकिन यह मामला लंबे समय से विचाराधीन ही है।PunjabKesari

ऐसे तैयार होते हैं गैंगस्टर...
पंजाब में गैंगस्टर बनने की राह पर जितने भी युवा चले हैं, वह अच्छे परिवारों से संबध रखते हैं। अधिकांश छात्रावस्था में ही दिशाहीन हुए हैं। कॉलेज पुहंचने पर राजनीतिक पार्टियां अपना मतलब साधने के लिए दबंग युवाओं का साथ लेती हैं। पहले राजनेता अपनी राजनीतिक चमकाने के इन युवाओं का इस्तेमाल करते हैं। जब यह युवा अपने आप को कठपुतली समझने लगते हैं तो अपनी गैंग बनाकर गैंगस्टर बन जाते हैं।

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