चाइनीज डोर ने उजाड़ दिया था सुहाग, आज भी बच्चों की परवरिश के लिए लड़ रही लड़ाई

Edited By Tania pathak,Updated: 04 Jan, 2021 11:50 AM

chinese door destroyed the family

कातिल चाइनीज डोर का कहर खत्म नहीं हो रहा है। इस कातिल डोर के शिकार हुए लोग आज भी हादसा याद कर दहशत में आ जाते हैं।

लुधियाना (बेरी): शहर में कातिल चाइनीज डोर का कहर खत्म नहीं हो रहा है। इस कातिल डोर के शिकार हुए लोग आज भी हादसा याद कर दहशत में आ जाते हैं। यहां के नजदीकी गांव में रहने वाली एक महिला के पति को तो उक्त कातिल डोर ने मौत के घाट ही उतार दिया था। आज महिला अपने 2 बच्चों के साथ जैसे-तैसे अपना पेट पाल रही है। महिला ने पंजाब केसरी की टीम को अपना दर्द बयां करते हुए बताया, “मेरा ता घर उजड़ गया, अज्जे तक बिकणी बंद नहीं होई कातिल डोर।”

ज्योति ने बताया कि उसके पति रजनीश शर्मा की खन्ना में रैडीमेड कपड़ों की दुकान थी। उनके दो बेटे हैं। एक 11 साल का तो दूसरा 9 साल का है। उनका परिवार ठीक चल रहा था। 20 फरवरी 2016 को कातिल डोर ने उसका परिवार ही बर्बाद कर दिया। उसका पति रजनीश शर्मा अपने स्कूटर पर खन्ना के ललहेड़ी रोड़ पुल से होता हुआ जा रहा था। अचानक कातिल डोर आई और उनके गले से बुरी तरह लिपट गई। डोर ने उनके गले की नसें ही काट डाली थीं जिस कारण वह चलते स्कूटर से नीचे गिर गया व खून ज्यादा बहने के कारण उसकी मौके ही मौत हो गई थी।

कातिल डोर बेचने वालों पर दर्ज होना चाहिए कत्ल का केस
ज्योति का कहना है कि कातिल डोर ने उसके पति की जान ले ली, फिर भी यह डोर बाजारों में खुलेआम बिक रही है। उसकी सरकार और पुलिस प्रशासन से मांग है कि लोगों के घर बबार्द करने वाली चाइनीज डोर की ब्रिकी रुकवाए। कातिल डोर बेेचने वालों के खिलाफ कत्ल का केस दर्ज होना चाहिए। क्योंकि, यह डोर लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ करती है।

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बच्चों की परवरिश के लिए 4 साल से लड़ रही लड़ाई
ज्योति का कहना है कि उसके पति की मौत के बाद 2 बच्चों की परवरिश उसके लिए काफी मुश्किल थी, मगर फिर भी वह जैसे-तैसे अपना और बच्चों को पेट पाल रही है। उसकी प्रशासन से मांग है कि उसे सरकारी नौकरी दी जाए ताकि वह अपने बच्चों की पढ़ाई और अच्छे से परवरिश कर सके।

कातिल डोर बेच छोटे दुकानदारों से बने बड़े व्यापारी
शहर में कुछ ऐसे लोग हैं जोकि कभी चाइनीज डोर बेचने की छोटी दुकानें चलाते थें मगर आज वे खुद इस कातिल डोर के बड़े सप्लायर बन बैठे हैं। उसके गोदामों में लाखों की डोर स्टॉक में पड़ी होती है। सूत्रों की मानें तो डोर बेचने के साथ-साथ उन व्यापारियों ने अपनी प्लास्टिक डोर बनाने की फैक्टरियां तक लगा ली हैं। पुलिस को चाहिए छोटे दुकानदारों के साथ-साथ ऐसे बड़े व्यापारियों पर भी नजर रखे, जोकि इस कातिल डोर का खेल खेल रहे हैं।

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