Edited By Vatika,Updated: 13 Oct, 2020 11:54 AM
पंजाब कांग्रेस में टकराव की शिकायत दिल्ली स्थित पार्टी हाईकमान के पास चली गई है। यह शिकायत वास्तव में पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष सुनील जाखड़ को उनके ही गृह जिले फाजिल्का से ही चुनौती मिलने की गंभीर शुरूआत के रूप में है।
जालंधर (एन.मोहन): पंजाब कांग्रेस में टकराव की शिकायत दिल्ली स्थित पार्टी हाईकमान के पास चली गई है। यह शिकायत वास्तव में पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष सुनील जाखड़ को उनके ही गृह जिले फाजिल्का से ही चुनौती मिलने की गंभीर शुरूआत के रूप में है। फाजिल्का में आज कांग्रेस के विधायक, पूर्व विधायक और कांग्रेसी नेताओं ने जिला प्रशासन के विरुद्ध 3 धरने लगाए।
बेशक धरने प्रशासन के विरुद्ध थे परन्तु कांग्रेसी नेताओं ने इन धरनों में जिला कांग्रेस के अध्यक्ष रंजम कामरा के विरुद्ध जमकर भड़ास निकाली। रंजम कामरा सुनील जाखड़ का दाहिना हाथ है। मामला भ्रष्टाचार और अनियमितता से जुड़ा हुआ है। दो हिस्सों में बंटी कांग्रेस में एक-दूसरे को नीचा दिखाने में लगी हुई है। जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रंजम कामरा का कहना था कि वे इस घटनाक्रम की रिपोर्ट पार्टी हाईकमान, पार्टी अध्यक्ष और मुख्यमंत्री को कर रहे हैं। अब 2 जिलों फाजिल्का और फिरोजपुर में बंट चुका पुराना जिला फिरोजपुर कांग्रेस की गंभीर गुटबाजी का प्रमाण रहा है। अतीत में संसदीय चुनावों अकाली दल के उम्मीदवार एक गुट की बदौलत खुलेआम चुनाव जीतते रहे हैं। पराजित होने वाले कांग्रेस के संसदीय उम्मीदवारों में हंस राज जोसन, सुनील जाखड़ ऐसे उम्मीदवार रहे हैं जिन्हें पराजय के रूप में अपनों से ही विरोध का खामियाजा भुगतना पड़ा और शिकायतों का अम्बार लगा रहा। कांग्रेस में जाखड़ बनाम गैर-जाखड़ का टकराव पहले भी था और अब भी सक्रिय है। फाजिल्का में ताजा टकराव इसी सिलसिले की कड़ी है। ऐसे आरोप कांग्रेस के नेताओं द्वारा प्रशासन में एक दूसरे को नीचा दिखाने, एक-दूसरे के कार्य रुकवाने का सिलसिला चल रहा है। इसी सिलसिले में मंडियों में लेबर और बोरियों की ढुलवाई के ठेके का विवाद है जो कांग्रेस के 2 गुटों के बीच गंभीर टकराव का कारण बना हुआ है।
दोनों गुटों में आमने-सामने हो रही लड़ाई
मंडियों से अनाज की ढुलाई का ठेका जिला कांग्रेस प्रधान रंजम कामरा के पास है और लेबर का ठेका फाजिल्का के कांग्रेसी विधायक देवेंद्र घुबाया के पास है। दिलचस्प बात ये है कि वास्तव में ये दोनों ही ठेके उनके अपने नाम पर नहीं हैं बल्कि उनके करीबियों के नाम पर हैं। परन्तु दोनों गुटों में लड़ाई सिर्फ आमने-सामने की हो रही है। अनाज की ढ़ुलाई के लिए जिन 150 ट्रकों का विवरण खाद्य एवं आपूर्ति विभाग को दिया गया है, उसे कांग्रेस के दूसरे गुट ने रोक दिया। अधिकतर ढुलाई ट्रैक्टर-ट्रॉलियों से की जाती है परन्तु सरकारी खानापूर्ति के लिए विवरण ट्रकों का दे दिया जाता है। परन्तु कांग्रेस के इस टकराव ने फाजिल्का में अनाज की ढुलवाई को बंद करवा दिया है। सुबह आढ़तियों ने धरना लगाया जिसमें कांग्रेस के नेता और पूर्व विधायक डा. मङ्क्षहद्रा रिणवा भी शामिल थे, बाद कांग्रेस के विधायक देवेंद्र घुबाया ने धरना लगाया और बाद में उनके पिता और पूर्व सांसद शेर सिंह घुबाया ने जिला प्रशासन के विरुद्ध धरना लगाया। शेर सिंह घुबाया का आरोप था कि बड़े इशारे पर जिला कांग्रेस अध्यक्ष मनमानी कर रहे हैं और पार्टी को फाजिल्का में कमजोर कर रहे हैं। ऐसे ही आरोप विधायक देवेंद्र घुबाया के थे। उन्होंने तमाम घटनाक्रम की रिपोर्ट पार्टी हाईकमान को भेजने की बात कही। उल्लेखनीय है कि जिले में अधिकतर बड़े नेता जिला कांग्रेस अध्यक्ष की शिकायतें कर चुके हैं।
कांग्रेस के नेताओं का विरोध गैर वाजिब : रंजम कामरा
इस संदर्भ में जिला कांग्रेस अध्यक्ष रंजम कामरा का कहना था कि कांग्रेस के नेताओं का विरोध गैर वाजिब है। उन्होंने किसी प्रकार से टैंडर होने से इंकार करते हुए कहा कि जब पंजाब सरकार ने ट्रक यूनियनों को भंग कर दिया है तो किसी को भी ट्रक यूनियन को प्रोत्साहित नहीं करने दिया जाएगा। अपनी ही पार्टी और अपनी ही सरकार के विरुद्ध लगाए गए धरनों की मुकम्मल रिपोर्ट वे कांग्रेस के प्रांतीय अध्यक्ष सुनील जाखड़ और मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह को भेज रहे हैं।