CBSE ने बोर्ड परीक्षाओं के पेपर पैटर्न में किया बड़ा बदलाव, नया नोटिस जारी

Edited By Urmila,Updated: 12 Dec, 2025 12:20 PM

cbse issued a new notice

सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) ने कक्षा 10वीं के साइंस और सोशल साइंस विषयों की बोर्ड परीक्षाओं के लिए एक नया नोटिस जारी किया है।

लुधियाना (विक्की) : सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) ने कक्षा 10वीं के साइंस और सोशल साइंस विषयों की बोर्ड परीक्षाओं के लिए एक नया नोटिस जारी किया है। इस नोटिस में दोनों पेपर पैटर्न के लिए अधिक संरचित (स्ट्रक्चर्ड) और अनुशासित फॉर्मेट पेश किया गया है। वे सभी उम्मीदवार जो इस वर्ष बोर्ड परीक्षाओं में शामिल हो रहे हैं, उन्हें इन नए दिशानिर्देशों और पेपर पैटर्न में बदलाव की जानकारी जरूर देख लेनी चाहिए। उम्मीदवार सीबीएसई की आधिकारिक वेबसाइट पर दिशानिर्देश नोटिस देख सकते हैं।

आधिकारिक नोटिस के अनुसार, साइंस के पेपर को तीन चिह्नित सेक्शनों में विभाजित किया जाएगा, जिसमें सेक्शन ‘ए’ बायोलॉजी, सेक्शन ‘बी’ केमिस्ट्री, और सेक्शन ‘सी’ फिजिक्स शामिल होगा। छात्रों को परीक्षा शुरू करने से पहले अपनी उत्तर पुस्तिका (आंसर बुकलेट) में इन खंडों को विभाजित करके और लेबल करके ठीक वही ढांचा दोहराना होगा। उत्तर प्रत्येक सेक्शन के लिए दी गई जगह में ही लिखे जाने अनिवार्य होंगे। बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि गलत सेक्शन में जवाब लिखना या सेक्शन के अनुसार जवाबों को विभाजित न करना स्वीकार्य नहीं होगा।

सोशल साइंस पेपर के लिए नया ढांचा

सीबीएसई बोर्ड 10वीं का सोशल साइंस पेपर अब विषय के हिस्सों के आधार पर चार खंडों में विभाजित किया जाएगा। इसमें सेक्शन ‘ए’ हिस्ट्री, सेक्शन ‘बी’ जियोग्राफी, सेक्शन ‘सी’ पोलिटिकल साइंस, और सेक्शन ‘डी’ इकोनॉमिक्स का होगा। छात्रों को अपनी उत्तर पुस्तिका को उसी हिसाब से बांटना होगा और हर जवाब को सही सेक्शन में रखना जरूरी है। बोर्ड ने चेतावनी दी है कि गलत सेक्शन में लिखा गया कोई भी जवाब (उदाहरण के लिए, हिस्ट्री सेक्शन में ज्योग्राफी का जवाब लिखना) मूल्यांकन नहीं किया जाएगा।

दिशानिर्देश न मानने पर मूल्यांकन पर असर

सीबीएसई ने इस बात पर जोर दिया है कि इन दिशानिर्देशों का पालन न करने पर मूल्यांकन पर सीधा असर पड़ेगा। तय सेक्शन के बाहर लिखे गए जवाबों को जांच नहीं किया जाएगा और वेरिफिकेशन या री-इवैल्यूएशन के दौरान ऐसी गलतियों को ठीक नहीं किया जा सकता है। सर्कुलर में यह साफ किया गया है कि मूल्यांकन योजना अंतिम है और इस पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता है।

स्कूलों और छात्रों के लिए निर्देश

बोर्ड परीक्षा के दौरान गलतियों से बचने के लिए, स्कूलों को नियमित टेस्ट, आंतरिक मूल्यांकन (इंटरनल असेसमेंट) और प्री-बोर्ड के दौरान खंडों में बंटी उत्तर पुस्तिका का उपयोग करके छात्रों को प्रशिक्षित करने का निर्देश दिया गया है। सीबीएसई ने छात्रों को सलाह दी है कि वे बदले हुए पैटर्न की सटीक जानकारी के लिए शैक्षणिक वेबसाइट से नवीनतम सैंपल पेपर डाउनलोड करें। नए ढांचे का उद्देश्य मूल्यांकन प्रक्रिया में स्पष्टता और पारदर्शिता लाना है। बोर्ड का मानना है कि हालांकि नए नियम सख्त लग सकते हैं, लेकिन मार्किंग के दौरान भ्रम (कन्फ्यूजन) कम होने से आखिरकार छात्रों को ही लाभ होगा। बता दें कि सीबीएसई ने कक्षा 10 और 12 दोनों के लिए के बोर्ड एग्जाम की फाइनल डेटशीट पहले ही जारी कर दी है। दोनों कक्षाओं की परीक्षाएं 17 फरवरी को शुरू होंगी जबकि कक्षा 10 के बोर्ड एग्जाम 10 मार्च, को समाप्त होंगे।

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