कैप्टन की अध्यापकों से वीडियो कांफ्रेंसिंग को 'Likes' से 3 गुणा ज्यादा मिले 'Dislikes'

Edited By Tania pathak,Updated: 10 Jun, 2021 07:02 PM

captain vc with teachers got 3 times more  dislikes  than  likes

शिक्षा के मामले में पंजाब के नंबर वन राज्य बनने पर आज मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अध्यापकों की पीठ थपथपाई वहीं  अध्यापक वर्ग सरकार की कार्यप्रणाली से खुश नजर नहीं आ रहा है...

लुधियाना (विक्की) : शिक्षा के मामले में पंजाब के नंबर वन राज्य बनने पर आज मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अध्यापकों की पीठ थपथपाई वहीं  अध्यापक वर्ग सरकार की कार्यप्रणाली से खुश नजर नहीं आ रहा है। इस बात का प्रत्यक्ष प्रमाण तब मिला जब जब कैप्टन की इस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग को लाइक से  3 गुना अधिक डिसलाइक्स मिले। बताया जा रहा है कि कंप्यूटर अध्यापकों द्वारा पिछले 10 वर्षों से लंबित अपनी मांगों को लेकर सोशल मीडिया पर अपनी आवाज बुलंद की गई  है। 

मिली जानकारी के अनुसार शिक्षा के मामले में पंजाब के के नंबर 1 राज्य बनने पर रेगुलर होने के 10 वर्षों के बाद बाद भी अपने अधिकारों के लिए जद्दो जहद कर रहे राज्य भर के 7 हज़ार कंप्यूटर अध्यापकों द्वारा अपनी जायज़ मांगों के प्रति आवाज़ बुलंद करने के लिए एक नया ढंग अपनाया जा रहा है। अब कंप्यूटर अध्यापक शिक्षा विभाग के आधिकारियों, मुख्य मंत्री, शिक्षा मंत्री के साथ साथ दूसरे मंत्रियों और विधायकों की सोशल मीडिया पोस्टों पर हज़ारों की संख्या में कमेंट कर अपनी जायज़ माँगों के प्रति आवाज़ बुलंद कर रहे हैं। इसी श्रृंखला के अंतर्गत आज मुख्य मंत्री द्वारा अध्यापकों से की गई वीडियो कांफ्रेंसिंग में भी कंप्यूटर अध्यापकों द्वारा अपना रोष बड़े स्तर पर दर्ज़ करवाया गया। 

आलम यह रहा कि आज की इस कांफ्रेंसिंग में जहाँ फेसबुक पर सैंकड़े कंप्यूटर अध्यापकों द्वारा अपनी माँगों के सम्बन्ध में कमेंट किए गए। यूट्यूब पर कमेंट बंद होने के कारण बड़ी संख्या में कंप्यूटर अध्यापकों द्वारा 'डिस -लाइक' का बटन दबाया गया, नतीजतन शाम तक जहाँ लाइक्स की संख्या 1700 के क़रीब थी वहां डिस-लाइक्स की संख्या 5700 से अधिक थी और डिस-लाइक्स का यह सिलसिला लगातार जारी था।

क्या हैं कंप्यूटर अध्यापकों की मांगें
अपनी माँगों के सम्बन्ध में जानकारी देते हुए कंप्यूटर अध्यापक नेता प्रदीप मलूका, गुरदीप सिंह बैंस, प्रभजोत सिंह बल्ल, परमवीर सिंह पंमी आदि ने बताया कि उन की सेवाओं 01 जुलाई 2011 से पंजाब सिविल सर्विस रूल्ज के के अंतर्गत वोकेशनल मास्टर के ग्रेड के साथ रेगुलर किया गया था परन्तु 10 वर्ष बीत जाने बाद भी राज्य सरकार द्वारा उन्हें उनके अधिकारों से वंचित रखा गया है। उन्होंने कहा कि उन की सिर्फ़ एक मात्र माँग है कि उन को बिना शर्त शिक्षा विभाग में मर्ज़ किया जाए और उनके सभी लाभ उन को दिए जाएँ। नेताओं ने यह भी माँग की कि पिछले समय दौरान जिन कंप्यूटर अध्यापकों की किसी भी कारणवश मौत हो गई है उनके आश्रितों को वित्तीय सहायता के साथ साथ अनुकम्पा के आधार पर नौकरी दी जाए।

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