Edited By swetha,Updated: 23 Jan, 2020 10:44 AM

पंजाब में भाजपा विधानसभा चुनाव अपनी सहयोगी पार्टी अकाली दल से अलग होकर लड़ने के लिए राज्य के कार्यकर्ताओं की राय लेगी।
जालंधर(नरेंद्र मोहन): पंजाब में भाजपा विधानसभा चुनाव अपनी सहयोगी पार्टी अकाली दल से अलग होकर लडऩे के लिए राज्य के कार्यकर्ताओं की राय लेगी। पंजाब के पूर्व मंत्री और भाजपा नेता मास्टर मोहन लाल ने अलग से विधानसभा चुनाव लड़ने का सुझाव पंजाब के नवनियुक्त भाजपा अध्यक्ष अश्वनी शर्मा के समक्ष रखा, जिस पर अश्वनी शर्मा ने राज्य के कार्यकत्र्ताओं की राय लेने की बात कही है। मास्टर मोहन लाल ने दावा किया कि पंजाब में कार्यकत्र्ता अकेले चुनाव लडऩे के लिए तैयार हैं। पूर्व मंत्री का दावा है कि पंजाब में अगर भाजपा को अपना अस्तित्व कायम रखना है तो उसे अलग से चुनाव लडऩा ही होगा।
एक बातचीत में मास्टर मोहन लाल ने कहा कि पार्टी शीघ्र ही राज्य के प्रत्येक जिला, गांव और बूथ स्तर तक सदस्यता अभियान तेज करेगी। विधान सभा चुनावों को 2 वर्ष पड़े हैं और भाजपा राज्य भर में अपने आपको पूरी तरह सक्रिय कर लेगी। पूर्व मंत्री मास्टर मोहन लाल का यह भी कहना था कि अकाली दल के साथ लम्बा गठजोड़ रखकर भाजपा ने अपने अस्तित्व को पंजाब में कमजोर कर लिया है।
पूर्व मंत्री ने कहा कि हर पार्टी की अपनी प्राथमिकता है और भाजपा ग्रामीण क्षेत्रों में भी अपना सदस्यता अभियान चलाएगी। उन्होंने कहा कि पहले कभी हिमाचल में भाजपा के सिर्फ 3 सदस्य होते थे और चौथा सदस्य ढूंढना मुश्किल हो जाता था। परन्तु आज हिमाचल में भाजपा की सरकार है। हरियाणा में भी यही स्थिति थी परन्तु अब हरियाणा में भी भाजपा की सरकार है। पंजाब में पार्टी ने खुद को 23 सीटों की हिस्सेदारी में बांध रखा है जिससे पार्टी कमजोर हुई है।
अनौपचारिक बातचीत में पूर्व मंत्री ने यह भी खुलासा किया कि बादल सरकार में उनका मंत्री पद छीने जाने का कारण है कि उन्होंने बड़े घरों की 250 बसों को बंद करवा दिया था। उन्होंने कहा कि वह बादल परिवार का गुलाम कहा जाना पसंद नहीं करते थे। पूर्व मंत्री मोहन लाल ने कहा कि वह कभी सड़कों पर रेहड़ी लगाकर मूंगफली, रेवड़ी बेचा करते थे परन्तु पार्टी द्वारा दिए सम्मान के चलते आज उनके पास सबकुछ है।