Edited By Subhash Kapoor,Updated: 06 Oct, 2024 07:04 PM
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री तरुण चुघ ने मीडिया को संबोधित करते हुए पंजाब सरकार और मुख्यमंत्री भगवंत मान पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि राज्य में नेतृत्व क्षमता की कमी और वित्तीय कुप्रबंधन के कारण आज पंजाब हर बीतते महीने के साथ कर्ज के...
चंडीगढ़ : भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री तरुण चुघ ने मीडिया को संबोधित करते हुए पंजाब सरकार और मुख्यमंत्री भगवंत मान पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि राज्य में नेतृत्व क्षमता की कमी और वित्तीय कुप्रबंधन के कारण आज पंजाब हर बीतते महीने के साथ कर्ज के बोझ में और दबते जा रहा है। चुघ ने ज़ोर दिया कि सरकार ने एक अल्पकालिक समाधान चुना है, जो पंजाब को भविष्य में गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा सकता है।
चुघ ने कहा कि पंजाब का निरंतर बढ़ता हुआ कर्ज़ प्रदेश की वितीय प्रबंधन पर गंभीर प्रश्न खड़े करता है और उससे बड़ी समस्या है की पंजाब सरकार के पास कोई रोडमैप या स्पष्टता भी नहीं है कि कैसे वो इन पैसों का जनता की बेहतरी के लिए इस्तेमाल करेगा और कैसे इस कर्ज को वापस चुकाएगा। ये चिंताएँ पहले भी बार-बार सामने आई हैं और हाल ही में पंजाब सरकार ने 10000 करोड़ के अतिरिक्त कर्ज़ के लिए केंद्र सरकार को पत्र लिखा था।
चुघ ने भगवंत मान से सवाल किया की क्या वो ये क़र्ज़ हमारे भविष्य और पंजाब के बच्चों और पे बोझ डालने के लिए ले रहे हैं। लोगों को रेवड़ियाँ बांटने के लिए ऐसे कर्ज लेना जिसका भुगतान अगले 20 से 25 साल में करना है, इन ऋणों से पंजाब के करदाताओं पर भारी बोझ पड़ेगा, जिन्हें या तो अधिक करों का सामना करना पड़ेगा या मुलभुत सुविधाओं में कटौती का सामना करना पड़ेगा। आर्थिक सुधारों की आवश्यकता को नजरअंदाज किया जा रहा है, ऋणों पर निर्भर होने के बजाय, सरकार को अनावश्यक खर्चों में कटौती और निजी निवेश को आकर्षित करके राजस्व बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। यह गैर-जिम्मेदाराना कर्ज लेने का पैटर्न दीर्घकालिक वित्तीय योजना की कमी को भी दर्शाता है। चुघ कहा कि सरकार का कर्ज़ पर निरंतर निर्भर रहना पंजाब को एक ऋण जाल में धकेल रहा है, जिसे आमजनमानस की सुविधाओं की कीमत पर ब्याज का भुगतान किया जा रहा है।
चुघ ने पंजाब सरकार से जिम्मेदारी पूर्वक वितीय व्यवस्था को चलाने का अनुरोध किया और साथ ही बेवजह कर्ज ना लेने कि नसीहत भी दी, अगर ऐसा नहीं होता है तो वो दिन दूर नहीं जब पंजाब सरकार के पास अपने दिन प्रति दिन की ज़रूरतों को भी पूरा करने के लिए पैसे नहीं बचेंगे।