Edited By Kamini,Updated: 22 Apr, 2022 08:25 PM
पंजाब सरकार द्वारा संगरूर के एक कॉलेज की मैनेजमेंट भंग करने और डिप्टी कमिश्नर को प्रशासक नियुक्त करने के निर्णय .............
लुधियाना (विक्की): पंजाब सरकार द्वारा संगरूर के एक कॉलेज की मैनेजमेंट भंग करने और डिप्टी कमिश्नर को प्रशासक नियुक्त करने के निर्णय के बाद एसोसिएशन ऑफ अनएडिड कालेज टीचर्स पंजाब और चंडीगढ़ ने राज्य के अन्य कुछ कॉलेजों के खिलाफ भी मुख्यमंत्री को पत्र लिख दिया है। यही नहीं एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री से मीटिंग का समय मांगा है ताकि वे सरकार को तथ्यों सहित वित्तीय अनियमितताओं का पूरा रिकॉर्ड प्रदान कर सकें।
प्रो. जसपाल सिंह, सचिव, ए.यू.सी.टी. ने कहा कि हमने पत्र में लिखा है कि हमारी संस्था पंजाब के कई कॉलेजो में ऐसी वित्तीय अनियमितताओं के बारे में सबूतों सहित रिकार्ड भेज रही है। पंजाब में अधिकांश कॉलेज प्रबंधन एक तरफ सरकार से 95% डेफिसिट ग्रांट प्राप्त कर रहे हैं और उन्हीं कॉलेज के पैसों से अस्पताल, नर्सिंग कॉलेज, लॉ कॉलेज, एजुकेशन कॉलेज जो स्व-वित्तपोषित हैं खोल रहे है और करोड़ों की जमीने खरीद रहे हैं। अगर कॉलेजों के पास इस संपत्ति को बनाने के लिए पैसा था तो फिर सरकार को घाटा दिखाकर करोड़ों रुपए की ग्रांट क्यों ली गई।
एसोसिएशन के प्रवक्ता प्रो. तरुण घई ने कहा कि मुख्यमंत्री को लिखा है कि इन कॉलेजों के शिक्षकों को पंजाब सरकार के नियमानुसार पूरा वेतन नहीं दिया जा रहा है और मैनेजमेंट की तरफ से कहा जाता है कि हमारे पास पैसा नहीं है और अगर कोई पूरा वेतन मांगता है तो उसे बिना नोटिस दिए नोकरी से निकाल दिया जाता है। कॉलेज छात्रों से भी एक ही कोर्स के अलग-अलग कॉलेजों द्वारा अलग-अलग फीस लेकर अभिभावकों को लूटा जा रहा है और दूसरी तरफ सरकार से करोड़ों रुपए की ग्रांट ली जा रही है। प्रो. घई ने कहा कि पंजाब पर जो 3 लाख रुपए का कर्ज चढ़ा है उस पैसे का दुरुपयोग इस तरफ भी हुआ है जिस कारण पंजाब के कॉलेजो की वित्तिय ऑडिट करवाई जाए जिससे सारी तस्वीर साफ हो जाएगी।
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