Edited By Kamini,Updated: 12 Jun, 2025 03:35 PM

आशु ने लुधियाना के लोगों को कभी नेता और जनता का रिश्ता नहीं दिखाया बल्कि उन्होंने तो हमेशा एक परिवार जैसा रिश्ता निभाया है।
लुधियाना (विक्की) : जब सूरज सिर पर हो, तापमान 44 डिग्री के पार चला जाए और लू के थपेड़े इंसान को घर में बंद रहने पर मजबूर कर दें, तब भी अगर कोई नेता अपने इलाके की हर गली, हर नुक्कड़, हर घर में दस्तक दे रहा हो तो समझ लीजिए वो सिर्फ नेता नहीं, जनता का सच्चा सिपाही है। ऐसा ही नाम है भारत भूषण आशु का।
एक हफ्ते बाद लुधियाना वेस्ट में उपचुनाव होने जा रहे है। एक तरफ सत्ता पक्ष की चकाचौंध, सरकारी मशीनरी और वादों की भरमार है, तो दूसरी तरफ कांग्रेस कैंडिडेट भारत भूषण आशु जो बिना किसी सरकारी संसाधन, बिना किसी दिखावे, सिर्फ जनता के प्यार और अपने जज़्बे के दम पर चुनावी रणभूमि में डटे हुए हैं।

तपती दोपहरों में जहां लोग सड़कों से दूर भागते हैं, वहीं आशु हर गली में, हर मोड़ पर, हर घर के दरवाजे पर दस्तक देते नजर आ रहे हैं। कहीं बुज़ुर्गों के चरण छूते हैं, कहीं बच्चों को दुलारते हैं और हर किसी से यही कहते हैं“आपका साथ रहा, तो हर मुश्किल आसान हो जाएगी। वहीं हल्का वेस्ट की जनता भी आशु का भरपूर साथ दे रही है। आशु के पक्ष में प्रचार कर रहे कांग्रेस पार्षद पति सन्नी भल्ला ने कहा ये सिर्फ़ वोट की अपील नहीं है, ये उस रिश्ते की ताज़गी है जो उन्होंने सालों की सेवा, ईमानदारी और संघर्ष से कमाई है। उनका चेहरा थकावट से भरा जरूर होता है, लेकिन आंखों में चमक वही पुरानी है—सेवा, समर्पण और बदलाव लाने की है।

उन्होंने कहा आशु ने लुधियाना के लोगों को कभी नेता और जनता का रिश्ता नहीं दिखाया बल्कि उन्होंने तो हमेशा एक परिवार जैसा रिश्ता निभाया है। आज जब वही परिवार फिर से उनके साथ खड़ा है तो सत्ता की ताक़त भी इस रिश्ते के सामने फीकी नज़र आती है।

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