Edited By Subhash Kapoor,Updated: 29 Jul, 2025 10:11 PM

पंजाब के जालंधर स्थित सिविल अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट बंद होने के चलते हुई तीन मरीजों की दर्दनाक मौत का मामला अब पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट की चौखट तक पहुंच गया है।
जालंधर : पंजाब के जालंधर स्थित सिविल अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट बंद होने के चलते हुई तीन मरीजों की दर्दनाक मौत का मामला अब पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट की चौखट तक पहुंच गया है। इस मामले में जालंधर निवासी सिमरनजीत सिंह ने एक जनहित याचिका दायर की है, जिसमें घटना को गंभीर मानवाधिकार उल्लंघन करार देते हुए संबंधित अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की गई है।
जानकारी के अनुसार, जालंधर के सिविल अस्पताल में हाल ही में अचानक ऑक्सीजन प्लांट बंद हो गया था, जिससे तीन मरीजों की इलाज के दौरान दम घुटने से मौत हो गई। परिजनों ने आरोप लगाया कि अस्पताल में ऑक्सीजन सप्लाई रुक गई थी और किसी भी जिम्मेदार अधिकारी ने समय पर कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की। इस घटना ने पूरे शहर में हड़कंप मचा दिया था। हालांकि, प्रशासन ने मामले को सामान्य तकनीकी खराबी बताते हुए लीपापोती करने की कोशिश की, लेकिन अब यह मामला कानूनी दायरे में आ गया है। पटीशन दायर करने वाले सिमरनजीत सिंह ने पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल करते हुए पंजाब के मुख्य सचिव, स्वास्थ्य मंत्री, अस्पताल प्रशासन और अन्य संबंधित अधिकारियों को पक्षकार बनाया है। याचिका में यह मांग की गई है कि इस मामले में तत्काल FIR दर्ज की जाए और एक विशेष जांच टीम (SIT) का गठन किया जाए। वहीं जांच की निगरानी हाईकोर्ट के किसी रिटायर्ड जज से करवाई जाए। मृतकों के परिजनों को मुआवजा और दोषियों को सजा दी जाए।
याचिकाकर्ता ने कोर्ट से यह भी अनुरोध किया है कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग और मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया को भी इस मामले में हस्तक्षेप करने और रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया जाए, ताकि दोषियों की पहचान हो सके और भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोका जा सके। हाईकोर्ट द्वारा इस याचिका पर सुनवाई की तारीख जल्द तय होने की संभावना है। यदि कोर्ट FIR दर्ज करने और SIT गठन के आदेश देता है, तो यह पंजाब में स्वास्थ्य सेवाओं की जवाबदेही तय करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जाएगा।