Edited By Kalash,Updated: 08 Jun, 2024 12:56 PM
सी.बी.आई. की विशेष अदालत ने 1993 में फल बेचने वाले को अगवा कर फर्जी एनकाउंटर बना कर हत्या करने के आरोप में पू्र्व डी.आई.जी. दिलबाग सिंह को 7 वर्ष की कैद और पूर्व डी.एस.पी. गुरबचन सिंह को उम्रकैद की सजा सुनाई है।
मोहाली/तरनतारन : सी.बी.आई. की विशेष अदालत ने 1993 में फल बेचने वाले को अगवा कर फर्जी एनकाउंटर बना कर हत्या करने के आरोप में पू्र्व डी.आई.जी. दिलबाग सिंह को 7 वर्ष की कैद और पूर्व डी.एस.पी. गुरबचन सिंह को उम्रकैद की सजा सुनाई है। अदालत द्वारा अपना फैसला सुनाने से पहले उक्त आरोपियों ने दया की मांग की ताकि उन्हें कम से कम सजा दी जाए पर अदालत ने कहा कि यह मामला 'रेयरेस्ट ऑफ रेयर' की श्रेणी में आता है। इस लिए उक्त आरोपियों पर कोई रहम नहीं किया जा सकता।
सी.बी.आई. की विशेष अदालत ने वीरवार को पूर्व डी.आई.जी. दिलबाग सिंह और पूर्व डी.एस.पी. गुरबचन सिंह को दोषी करार दिया था। उन्होंने 22 जून 10993 को फल बेचने वाले गुलशन कुमार को उसके घर से अगवा कर लिया था। इसके बाद एक महीने तक अवैध हिरासत में रखा गया और उसी साल 22 जुलाई को फर्जी मुकाबले में उसे मार दिया गया। इस मामले में नामजद 3 अन्य पुलिस अधिकारियों की केस की सुनवाई के दौरान मौत हो गई थी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 1995 में यह मामला सी.बी.आई. को सौंप दिया गया था।
सी.बी.आई. ने 1999 में चालान पेश किया था। करीब 21 साल बाद 7 फरवरी 2020 को आरोपियों पर आरोप तय किए गए थे। मुकदमे के दौरान एजेंसी ने 32 गवाह पेश किए थे, इस पर चश्मदीद गवाह भी शामिल थे।
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