Edited By Vatika,Updated: 07 Apr, 2022 09:17 AM

गर्भवती महिला की डिलीवरी के उपरांत मौत होने पर परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप
नवांशहर/बलाचौर(त्रिपाठी/राजेश): गर्भवती महिला की डिलीवरी के उपरांत मौत होने पर परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए रोष प्रदर्शन किया। गांव सुधा माजारा निवासी चरण सिंह ने बताया कि उनकी पुत्रवधू लखविन्द्र कौर (24) पत्नी नरिन्द्र सिंह गर्भवती थी तथा उसका रैगुलर चैकअप सरकारी अस्पताल बलाचौर में चल रहा था।
डाक्टर द्वारा डिलीवरी की तिथि 17 मार्च दी गई थी परंतु समय-समय पर जांच करवाने के दौरान उसकी डिलीवरी की डेट को आगे किया जाता रहा। उन्होंने बताया कि पिछले 3 दिनों से वह गर्भवती पुत्रवधू को अस्पताल ले जा रहे थे परंतु उसकी डिलीवरी नहीं की गई तथा यह कह कर वापस भेज दिया जाता रहा कि अभी समय पूरा नहीं हुआ है। बीती रात जब पुत्रवधू को तेज प्रसव पीड़ा होने पर अस्पताल ले जाया गया तो डाक्टर तथा स्टाफ द्वारा डिलीवरी कर दी गई। डिलीवरी के कुछ मिनटों बाद ही उसकी पुत्रवधू की धड़कन तेज हो गई तथा सांस लेने में दिक्कत आने लगी।
अस्पताल स्टाफ के कहने पर उसे बलाचौर के एक निजी अस्पताल ले जाया गया परंतु वहां डाक्टरों ने उसकी नाजुक हालत को देखते हुए उसका उपचार करने से मना कर दिया। अस्पताल प्रशासन ने उसे नवांशहर भेजने के लिए कहा परन्तु इसके लिए भी ड्राइवर न होने का तर्क देकर एम्बुलैंस उपलब्ध नहीं करवाई गई। उन्होंने बताया कि इस दौरान रास्ते में ही उसकी पुत्रवधू की मौत हो गई, जबकि बच्चे की हालत ठीक न होने के चलते उसे पी.जी.आई. रैफर कर दिया गया जहां उसे वैंटीलेटर पर रखा गया है।उन्होंने अस्पताल प्रशासन पर आरोप लगाया कि डाक्टरों की ओर से उसकी पुत्रवधू की समय पर डिलीवरी न करवाने से पोस्ट डेटिड हुए केस तथा समय पर एम्बुलैंस सुविधा न देने के चलते जहां पुत्रवधू की मौत हो गई वहीं नवजात बच्चे की हालत भी गंभीर बनी हुई है। उन्होंने प्रशासन से अपील की कि आरोपित डाक्टर तथा स्टाफ पर कानून के तहत कार्रवाई करके उन्हें इंसाफ दिया जाए।इस संबंध में सिविल सर्जन डा. देवेंद्र ढांडा ने बताया कि इस मामले की जांच के लिए विशेष टीम गठित की गई है। जांच में लापरवाही का कोई तथ्य सामने आया तो आरोपी के खिलाफ कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी।