Edited By Kamini,Updated: 22 Feb, 2022 04:44 PM
पंजाब में नशा हमेशा से एक बड़ी समस्या रही है, जिसे दूर करने के लिए सही योजना के साथ काम करने की जरूरत ......
चंडीगढ़ (पाल): पंजाब में नशा हमेशा से एक बड़ी समस्या रही है, जिसे दूर करने के लिए सही योजना के साथ काम करने की जरूरत है। पंजाब में सिर्फ पुरुष ही नहीं बल्कि महिलाएं भी नशा करती हैं 135 हजार के करीब पंजाबी सिथेटिक ड्रग ले रहे हैं। 30 लाख के लगभग लोग पंजाब में ड्रग लेते हैं। इनमें से 15 लाख अल्कोहल (शराब) पीते हैं। पी.जी.आई. के कम्युनिटी मेडिसिन डिपार्टमेंट के प्रो. जे.एस. ठाकुर ने एक स्टडी के आधार पर बताया कि डब्ल्यू.एच.ओ. शराब और तंबाकू को भी ड्रग्स की कैटेगरी में मानते हैं।
इसी से ड्रग की शुरूआत होती है। डॉ. ठाकुर और उनकी टीम ने पंजाब में ड्रग्स को लेकर की गई रिसर्च और सर्वे पर आधारित किताब को सोमवार को रिलीज किया। गवर्नर बी.एल. पुरोहित ने इसका उद्घाटन किया। डॉ. ठाकुर की रिसर्च का यह दूसरा संस्करण है। साल 2018 में पहली रिपोर्ट आई थी जिसमें नशे की रोकथाम को लेकर कुछ कदम बताए गए हैं। सर्वे से पता चला है कि पंजाब में 30 लाख के लगभग लोग कोई न कोई इग्स लेते हैं जिसमें ज्यादातर पुरुष हैं। 20 लाख से ज्यादा लोग शराब पीते हैं। 15 लाख के लगभग लोग तंबाकू और 1.7 लाख लोग दूसरा कोई नशा करते हैं। मैडीकल नशा भी काफी ज्यादा किया जा रहा है। इसके अलावा इंजैक्शन से भी काफी ज्यादा दूग लिया जा रहा है जो एच.आई.वी. और हैपेटाइटिस का एक बड़ा कारण है।
'तंदरुस्त अते नशा मुक्त पंजाब' की थीम पर किया यह काम
किताब' रोडमैप फॉर प्रिवेशन एंड कंट्रोल ऑफ सबस्टांस एब्यूज इन पंजाब' का दूसरा संस्करण है। किताब में पंजाब में ड्रग की समस्या से जुड़े आंकड़े भी दिए गए हैं और योजनाएं भी ड्रग को फैलने से रोकने और इलाज के बारे में बताया गया है। 'तंदरुस्त अते नशा मुक्त पंजाब' की थीम पर यह काम किया गया है। 2015 में तत्कालीन पंजाब सरकार ने इस प्लान को शुरू किया था। इसके तहत इस विषय पर कई वर्कशॉप लगाई गई थीं। प्रो. जे.एस. ठाकुर ने बताया कि किताब में ड्रग की रोकथाम, सप्लाई को रोकने, ड्रग डी-एडिक्शन सेंटर्स को चलाने जैसे काम करने की जरूरत है। पुलिस, प्रशासन, एन.जी.ओ., सरकारी विभागों समेत सभी को एक साथ काम करने की आवश्यकता है। सरकार ने अभी तक पूरी तरह इस दिशा में काम नहीं किया है। स्कूली स्तर पर ही काम करने की जरूरत है। ड्रग की लत से बचाने और छुड़ाने के लिए धार्मिक संगठनों और आध्यात्मिकता पर भी उन्होंने बल दिया।
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