Edited By Kamini,Updated: 25 Jul, 2024 01:27 PM
जिले में लूटपाट व चोरी की वारदाते बढ़ती जा रही हैं। वहीं रात होते ही शहर में पुलिस की मौजूदगी भी अंधेरे में गुम हो जाती है।
जालंधर : जिले में लूटपाट व चोरी की वारदाते बढ़ती जा रही हैं। वहीं रात होते ही शहर में पुलिस की मौजूदगी भी अंधेरे में गुम हो जाती है। दिन के दौरान, पुलिस जगह-जगह नाका लगाकर खड़ी रहती है लेकिन रात में शहर को असहाय छोड़ दिया जाता है। शहर की ऐसी तस्वीर पहले नहीं थी, क्योंकि बहुत समय पहले शहर में दिन-रात पुलिस की मौजूदगी से चोर-लुटेरों में दशहत था।
हाल ही में 'पंजाब केसरी' ने एक स्टोरी प्रकाशित कर 1 से 15 जुलाई तक की घटनाओं के आंकड़े प्रकाशित किये थे। इसमें शहर में 15 दिनों के अंदर 23 से ज्यादा लूट और चोरी की घटनाएं हो चुकी हैं। हर थाने से आए दिन दोपहिया वाहन चोरी हो रहे हैं, लेकिन अपराध का ग्राफ बढ़ने के बाद भी शहर में रात के समय सुरक्षा का नामोनिशान नहीं है। रात के समय फूड डिलिवरी करने वाले, रेस्तरां और होटल कर्मचारी, कारखाने के कर्मचारी और बस स्टैंड और रेलवे स्टेशनों पर आने-जाने वाले यात्री और विशेष रूप से रात की ड्यूटी पर तैनात मीडिया कर्मचारी, डर के साये में शहर की सड़कों पर चलते हैं।
अगर कोई वाहन उनके पास से गुजरता है तो उनका डर बढ़ जाता है कि कहीं लुटेरे तो नहीं। हैरानी की बात है कि जब शहर के अंदरूनी इलाकों में ही पुलिस नजर नहीं आती तो बाहरी इलाके का क्या हाल होगा। लूट और चोरी की पुरानी घटनाओं का पता नहीं चल पा रहा है, घटनाओं पर लगाम नहीं कसी जा रही है। यहां के लोग अपनी-अपनी घटनाओं के बारे में जानकारी लेने के लिए थाने का चक्कर लगाते-लगाते थक चुके हैं, लेकिन उन्हें न्याय नहीं मिल पाता है।
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