निगम के सीलिंग व तोडफोड़ के अभियान से भड़क उठे कांग्रेसी नेता

Edited By swetha,Updated: 09 Nov, 2019 08:33 AM

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निजी समारोह से फारिग होकर एक्टिव हुए मेयर

जालंधर(खुराना): पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में शहर की 450 के करीब अवैध बिल्डिंगों व अवैध कालोनियों को लेकर जो जनहित याचिका दायर हुई है, उस पर अगली सुनवाई 11 नवम्बर को होनी है। इसे लेकर जहां निगमाधिकारी चिंता में पड़े हुए हैं। वहीं इस याचिका के मद्देनजर निगम ने पिछले 2 दिनों के दौरान सीलिंग व तोडफोड़ अभियान चलाया जिससे शहर के कांग्रेसी नेता भड़क उठे हैं। निगम ने पिछले 2 दिनों के दौरान जालंधर नार्थ, सैंट्रल व वैस्ट विधानसभा क्षेत्रों में बड़ी कार्रवाई करते हुए अवैध रूप से बनी 20 दुकानों को सील कर दिया है और आधा दर्जन के करीब कालोनियों पर डिच चलाकर उन्हें तोड़ा है। निगम की इस कार्रवाई के दौरान जिन अवैध निर्माणों को निशाना बनाया गया उनमें से कइयों को शहर के कांग्रेसी नेताओं का खुला संरक्षण प्राप्त था जिस कारण कांग्रेसी नेतृत्व में निगम की कार्रवाई को लेकर रोष पनप उठा है। 

इसी रोष के मद्देनजर गत दिवस मेयर हाऊस माडल टाऊन में एक बैठक भी हुई जिस दौरान जहां कुछ पार्षद उपस्थित थे वहीं निगम कमिश्नर, ज्वाइंट कमिश्नर व एम.टी.पी. को बुलाकर इस अभियान के प्रति रोष व्यक्त किया गया। पता चला है कि निगमाधिकारियों ने कांग्रेसी नेताओं को स्पष्ट कह दिया है कि मामला हाईकोर्ट में होने के कारण काफी संगीन है और हाईकोर्ट का यदि कोई फैसला आता है तो वह निगमाधिकारियों पर लागू होगा, राजनीतिज्ञों पर नहीं। इसलिए अदालती मामले के दृष्टिगत कार्रवाई को रोका नहीं जा सकता। 

इस बीच पता चला है कि नार्थ क्षेत्र से विधायक बावा हैनरी ने जहां इस मामले पर निगम कमिश्नर दीपर्व लाकड़ा से फोन पर बात की, वहीं सैंट्रल क्षेत्र के विधायक राजेंद्र बेरी ने आज निगम आकर कमिश्नर से लम्बी बातचीत की। विधायक बेरी ने कहा कि अदालत में जिन बिल्डिंगों की सूची है, निगम को चाहिए कि उन्हें कम्पाऊंड व रैगुलर करने का प्रयास करे ताकि तोडफ़ोड़ से होने वाले नुक्सान से बचा जा सके। विधायक बेरी ने कहा कि दुकानों को सील करना भी समस्या का समाधान नहीं।  इसकी बजाय निगम को उन दुकानों को रैगुलर करके या फीस इत्यादि लेकर कम्पाऊंड करना चाहिए। उन्होंने बताया कि नई जोङ्क्षनग पॉलिसी को पास करवाने के मामले में निगम को तेजी से कार्रवाई करनी चाहिए। 

निजी समारोह से फारिग होकर एक्टिव हुए मेयर 

निजी समारोह से फारिग होकर मेयर जगदीश राजा ने एक्टिव होते हुए निगम के विभिन्न प्रोजैक्टों के मद्देनजर सभी निगमाधिकारियों को तलब करके एक बैठक की। इस दौरान कमिश्नर दीपर्व लाकड़ा, ज्वाइंट कमिश्नर हरचरण सिंह व राजीव वर्मा, एम.टी.पी. परमपाल सिंह, एस.ई. रजनीश डोगरा तथा सङ्क्षतद्र महाजन इत्यादि शामिल थे।
बैठक दौरान मेयर ने कहा कि कांट्रैक्ट खत्म होने के बावजूद दुर्गा पब्लिसिटी के यूनिपोल शहर में लगे हुए हैं जिनका किराया निगम को वसूलना चाहिए। या तो इन्हें नीलाम कर दिया जाए या यूनिपोल उखाड़ कर उसका खर्चा भी दुर्गा पब्लिसिटी से लिया जाए। इस मामले में एस.ई. को निर्देश जारी कर दिए गए व इसका एस्टीमेट 11 नवम्बर को देने के निर्देश दिए गए। बैठक का दूसरा प्रमुख मुद्दा नेहरू गार्डन पार्किंग को लेकर था, जिसका कांट्रैक्ट दिसम्बर 2019 में समाप्त होने जा रहा है।

इसके बाद पार्किंग का प्रोजैक्ट निगम के हाथ में आ जाएगा और मेयर ने निर्देश दिए कि पार्किंग के ऊपर टैरेस गार्डन विकसित किया जाए। कमिश्नर का सुझाव था कि पार्किंग हेतु कार्ड सिस्टम जारी किया जाए।बैठक दौरान मेयर ने फ्लाईओवरों की दीवारों पर वरियाम सिंह राजपूत व अन्य द्वारा लगाए गए अवैध विज्ञापनों का मुद्दा उठाया और अधिकारियों को निर्देश दिए कि इन पर जुर्माने लगाए जाएं। बैठक दौरान फैसला लिया गया कि तहबाजारी विभाग एक टीम बनाए और ब्रह्मकुंड के बाहर बनी दुकानों से किराया वसूले। इस बारे अगली बैठक में कमिश्नर द्वारा रिपोर्ट पेश की जाए। 

विज्ञापन पॉलिसी की विफलता पर मेयर ने अधिकारियों को क्लस्टर बनाने को कहा ताकि टैंडर सिरे चढ़ सके। इस मामले में 18 नवम्बर तक रिपोर्ट तलब की गई है। स्ट्रीट वैडिंग पालिसी जो वर्षों से लटक रही है उस बारे भी रिपोर्ट 8 नवम्बर तक मांगी गई। इसके अलावा बैठक में स्वीपिंग मशीन प्रोजैक्ट को कंट्रोल रूम के माध्यम से मॉनीटर करने के निर्देश दिए गए और एल.ई.डी. प्रोजैक्ट पर विचार किया गया। पी.सी.पी. कम्पनी मामले में तीन दिन में रिपोर्ट मांगी गई। नए टाऊन हाल के निर्माण हेतु आर्कीटैक्ट से जल्द बैठक करने के निर्देश दिए गए। सिटी स्कैप प्रोजैक्ट के तहत हो चुके तथा पैडिंग कामों बारे 14 नवम्बर तक रिपोर्ट मांगी गई। पार्कों संबंधी पालिसी को भी सही तरीके से लागू करने के निर्देश दिए गए। गाजीगुल्ला अंडरपास की सैकेंड एंट्री पर भी 14 नवम्बर तक रिपोर्ट देने को कहा गया तथा इंडस्ट्रीयल एस्टेट जोन आफिस की दशा सुधारने के निर्देश दिए गए। 

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