Edited By Vaneet,Updated: 03 Jun, 2020 01:26 PM

ऑटोमेटिड टैस्ट ड्राइविंग सैंटर में 72 दिनों के बाद लाइसैंस बनाने के दूसरे दिन हुई बारिश के ...
जालंधर(चोपड़ा): ऑटोमेटिड टैस्ट ड्राइविंग सैंटर में 72 दिनों के बाद लाइसैंस बनाने के दूसरे दिन हुई बारिश के चलते ट्रैक पर ड्राइविंग टैस्ट लेने का काम लंबे सयम तक बाधित रहा, जिस कारण लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। इससे पहले आज जब काम शुरू हुआ तो सर्वर खराब हो गया, जिसके ठीक होने के बाद काम लेट चालू किया गया। अभी 2-3 टैस्ट ही करवाए गए थे कि एकाएक झमाझम बारिश होने लग पड़ी।
बारिश के कारण ट्रैक पर लगे कैमरों को बंद कर दिया गया ताकि बारिश में वह खराब न हो सकें, जितनी देर बारिश जारी रही लोगों को सैंटर पर ही रुक कर इंतजार करना पड़ा। इस दौरान लर्निंग लाइसैंस बनाने के काम बेरोक-टोक के चलता रहा। बारिश बंद होने के बाद सैंटर के कर्मचारियों ने सभी आवेदकों के टैस्ट लेकर आज ली गई सभी एप्वाइंटमैंट्स को खत्म कर दिया गया।
आर.टी.ओ. में भीड़ रही बेकाबू, नहीं हुई सोशल डिस्टैंसिंग की पालना
चालान भुगतने को लेकर आर.टी.ओ. में चालान खिड़की के समक्ष आज दूसरे दिन भी भीड़ बेकाबू रही। इस दौरान लोग एक- दूसरे के साथ खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार करते रहे, जिस कारण सोशल डिस्टैंसिंग की पालना नहीं हो सकी। विभाग की तरफ से भी भीड़ को कंट्रोल करने का कोई प्रबंध नहीं किया गया था।
सैंटर के भीतर तक लगनेे लगा एजैंटों का जमावड़ा
लाइसैंस बनाने का काम शुरू होते ही ऑटोमेटिड ड्राइविंग सैंटर पर एजैंटों का जमावड़ा एक बार फिर से लगना शुरू हो गया है। एक तरफ जहां आवेदक का बिना बारी के सैंटर के अंदर जाना आसान नहीं है, वहीं एजैंट बेरोक-टोक सैंटर के अंदर तक घुस जाते हैं। कई एजैंटों का तो सैंटर पर तैनात कर्मचारियों पर इतना दबदबा कायम है कि कोई भी कर्मचारी उन्हें वहां आने-जाने से नहीं रोकता है।
ऐसे एजैंटों ने सैंटर के अंदर व बाहर खड़े होकर वहां आने वाले आवेदकों को रोक कर उनसे काम जल्द करवाने और टैस्ट पास करवाने के प्रलोभन देकर अपने चंगुल में फांसा जाता है। डुप्लीकेट लाइसैंस, लाइसैंस रिन्यू करवाने और टैस्ट में फेल न होने के डर में अधिकतर लोग ऐसे एजैंटों के जाल में फंस कर हजारों रुपया लुटा देते हैं। जिक्रयोग्य है कि सैक्रेट्री रीजनल ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी बरजिन्द्र सिंह द्वारा ऑनस्पॉट लाइसैंस इश्यू करने की सुविधा के बाद लाइसैंस जल्द दिलवाने का एजैंटों का धंधा तो अब पूरी तरह से बंद हो चुका है।