Edited By swetha,Updated: 29 Feb, 2020 11:41 AM

पिछले 5 दिनों से पठानकोट बाईपास, गुज्जा पीर, ट्रांसपोर्ट नगर में जंगली बंदर के आतंक से लोगों में दहशत फैली हुई थी जो आज देर शाम वन विभाग की टीम और मोहल्ला निवासियों की मदद से खत्म हो गई है।
जालंधर(सुनील): पिछले 5 दिनों से पठानकोट बाईपास, गुज्जा पीर, ट्रांसपोर्ट नगर में जंगली बंदर के आतंक से लोगों में दहशत फैली हुई थी जो आज देर शाम वन विभाग की टीम और मोहल्ला निवासियों की मदद से खत्म हो गई है। ज्ञात रहे कि विगत रात्रि को इसी जंगली बंदर ने एक खूंखार किस्म के पिटबुल कुत्ते को काफी लहूलुहान कर दिया था जिस कारण उसे 60 टांके लगाने पड़े थे।
शुक्रवार शाम ट्रांसपोर्ट नगर में मोहल्ला निवासियों ने बंदर को घूमते देखा तो वे डंडे, बेसबैट लेकर उसका पीछा करने लगे तो बंदर भागते-भागते ट्रांसपोर्ट नगर में एक सैनेटरी के गोदाम में घुस गया। पीछा कर रहे लोगों ने तुरंत कमरे की कुंडी लगाकर राहत की सांस ली और वन विभाग के अधिकारियों को सूचित किया। कुछ समय बाद वन विभाग की टीम रैस्क्यू करने के लिए मौके पर पहुंच गई। वन विभाग की टीम ने कमरे के दरवाजे के आगे पिंजरा लगा दिया तथा इस उपरांत बंदर को बेहोश करने के लिए 3 इंजैक्शन दाग दिए जिनमें से एक बंदर को लग गया। बंदर के बेहोश होने के बाद वन विभाग की टीम ने कमरे का दरवाजा खोला और बंदर को पिंजरे में डालकर साथ ले गई।
जंगली बंदर को वहां छोड़ा जाएगा जहां और कोई बंदर न हो : जसवंत सिंह
वन विभाग के अधिकारी जसवंत सिंह ने कहा कि पकड़े गए बंदर को वह उस जंगल में छोड़ेंगे जहां और कोई बंदर न हो। ऐसा इसलिए किया जाएगा क्योंकि बंदर शहर के इलाके में काफी समय गुजार चुका है और हमलावर हो चुका है।अगर उसे बाकी बंदरों के साथ छोड़ा गया तो वहां के बंदर उसे स्वीकार नहीं करेंगे या फिर पकड़ा गया बंदर उन्हें भी हमलावर बना सकता है। बंदर को पकडऩे के लिए प्रयोग में लाए गए हर टीके की कीमत लगभग 5 हजार रुपए है। इसके अलावा उसे भरमाने के लिए खाद्य सामग्री अलग से खरीदी गई थी।