सुखजिंद्र रंधावा की बीमा धोखाधड़ी के मामले की स्वतंत्र जांच की जाए: मजीठिया

Edited By Vaneet,Updated: 01 Jul, 2020 11:06 AM

sukhjindra randhawa insurance fraud case should be investigated independently

पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया ने सहकारिता मंत्री सुखजिंद्र सिंह रंधावा पर बीमा धोखाधड़ी का आरोप लगाते...

चंडीगढ़(अश्वनी): पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया ने सहकारिता मंत्री सुखजिंद्र सिंह रंधावा पर बीमा धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए इसकी स्वतंत्र जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि सहकारिता विभाग के कर्मियों ने सभी नियम तोड़ते हुए कोविड-19 महामारी के खिलाफ डेथ कवरेज प्रदान करने के लिए सिंगल बिड टैंडर आबंटन प्रक्रिया के माध्यम से किसी अज्ञात कंपनी को ठेका दिया है।

चंडीगढ़ में पत्रकारों से बातचीत करते हुए मजीठिया ने कहा कि सहकारिता मंत्री ने न केवल बोली कमेटी की सिफारिशों से ऊपर जाकर एकल बोली निविदा प्रक्रिया को आगे बढ़ाया, बल्कि पंजाब सरकार के सामान्य वित्त नियम, 2017 के अनुसार एक फर्म को तभी आगे बढ़ाया जा सकता है जब केवल एक विशेष फर्म ही वह सेवाएं दे सकती हो। उन्होंने कहा कि रंधावा ने इस तथ्य की अनदेखी की है कि केंद्र सरकार के साथ-साथ राज्य सरकार ने भी इस महामारी के दौरान ड्यूटी के दौरान अग्रिम पंक्ति के कर्मचारियों के जीवन देने पर उनके परिजनों को मुआवजा देने के निर्देश जारी किए थे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने गो डिजिट को ठेका दिए जाने से 3 दिन पहले 8 मई को इस संदर्भ में एक पत्र भी जारी किया था।

ने कहा कि भले ही इन दोनों को आश्वासन प्राप्त हो गए हों, लेकिन सहकारिता मंत्री ने 11 मई को एक निविदा जारी की ताकि एक अज्ञात कंपनी गो डिजिट इंश्योरैंस कंपनी को सिंगल बिड टैंडर के माध्यम से कोविड-19 महामारी के खिलाफ अपने विभाग के कर्मचारियों को मौत का कवरेज प्रदान किया जा सके। इस तथ्य के बावजूद कि टैंडर दस्तावेज में यह निर्देश दिया गया है कि निविदा के लिए आवेदन करने वाली कंपनियों के पास पर्याप्त आॢथक संसाधन और एक तंदरुस्त टै्रक रिकॉर्ड होना चाहिए। 

मजीठिया ने कहा कि सरकारी कार्यप्रणाली के अनुसार अगर पहली बार में एक भी बोली आई है तो कोई तकनीकी बोली नहीं लगाई जाती। नियमानुसार भले ही अधिक बोलियां लगती हैं लेकिन तकनीकी मूल्यांकन के बाद बोली केवल एक योग्य कंपनी पाई जाती है तो भी टैंडर खोला नहीं जाता पर इस मामले में वित्त मंत्री ने गो डिजिटल को टैंडर अलॉट करने के लिए टैंडर अलॉटमैंट कमेटी को भी खारिज कर दिया था जिस कारण इस कार्रवाई में भ्रष्टाचार किया गया नजर आ रहा है, जिसमें रिश्वत ली गई हो। इस अवसर पर पूर्व मंत्री सुरजीत सिंह रखड़ा, विधायक लखबीर सिंह लोधीनंगल तथा पार्टी के कार्यालय सचिव चरनजीत सिंह बराड़ भी उपस्थित थे।

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