Edited By VANSH Sharma,Updated: 27 Dec, 2025 08:45 PM

नगर निगम ने प्रॉपर्टी टैक्स को लेकर अहम फैसला लिया है।
जालंधर: जालंधर नगर निगम ने प्रॉपर्टी टैक्स को लेकर अहम फैसला लिया है। अब शहर में किसी भी रिहायशी मकान में अगर दुकान या किसी तरह की व्यावसायिक गतिविधि चल रही है, तो उस पर कमर्शियल दर से ही प्रॉपर्टी टैक्स वसूला जाएगा, जो रिहायशी दर से लगभग तीन गुना अधिक है।
यह निर्णय असिस्टेंट कमिश्नर विक्रांत वर्मा की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक में लिया गया, जिसमें अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि नगर निगम सीमा में आने वाली सभी कमर्शियल गतिविधियों पर, चाहे वे रिहायशी भवनों में ही क्यों न हों, व्यावसायिक दर से टैक्स लगाया जाए।
नगर निगम के अनुसार प्रॉपर्टी टैक्स भवन के उपयोग के आधार पर तय किया जाता है। रिहायशी मकानों पर गज के हिसाब से टैक्स लिया जाता है, जबकि दुकानों और अन्य व्यावसायिक गतिविधियों पर कमर्शियल दर लागू होती है। निगम का कहना है कि शहर में कई ऐसे मकान हैं, जहां व्यावसायिक गतिविधियां चल रही थीं, लेकिन उनसे अब तक रिहायशी दर पर टैक्स लिया जा रहा था, जिसे अब सुधारा जाएगा।
टैक्स वसूली में तेजी लाने के लिए निगम ने सख्ती बढ़ा दी है। अब हर इंस्पेक्टर को सिर्फ एक सेक्टर की जिम्मेदारी दी जाएगी और वह रोजाना अपने सेक्टर में 20 रिकवरी कैंप लगाएगा। निगम ने यह भी स्पष्ट किया है कि 31 दिसंबर तक टैक्स जमा करने पर कोई पेनल्टी नहीं लगेगी, जबकि 1 मार्च से टैक्स न देने वालों पर 10 प्रतिशत जुर्माना लगाया जाएगा। cनगर निगम ने नागरिकों से समय पर प्रॉपर्टी टैक्स जमा करने की अपील की है।
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