Edited By Vatika,Updated: 01 Oct, 2024 04:24 PM
वलयाकार या अग्नि वलय सूर्य ग्रहण तब लगता है जब नया चंद्रमा सूर्य के सामने
जैतो (रघुनंदन पराशर ): 2 अक्तूबर को दूसरा सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है। उक्त जानकारी प्रख्यात ज्योतिषाचार्य दिवंगत पंडित कल्याण स्वरूप शास्त्री विद्यालंकार के पुत्र पंडित शिव कुमार शर्मा ने दी है। उन्होंने बताया कि यह सूर्य ग्रहण भारतीयनुसार रात्रि 9 बजकर 13 मिनट पर शुरू होगा जो मध्यरात्रि 3.बजकर 17 मिनट पर समाप्त होगा। यह वलयाकार सूर्यग्रहण होगा।
वलयाकार या अग्नि वलय सूर्य ग्रहण तब लगता है जब नया चंद्रमा सूर्य के सामने की डिस्क को पूरी तरह कवर नहीं करता। यह सूर्य ग्रहण दक्षिण अमरीका व चिली में दिखाई देगा जबकि यह आंशिक सूर्य ग्रहण के रूप में दक्षिण अफ्रीका, अंटार्कटिका, प्रशांत महासागर, अटलांटिक महासागर व उतरीं अफ्रीका आदि में नजर आएगा।यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा।पंडित शिव शर्मा ने कहा कि यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। इस लिए इसका कोई भी धार्मिक महत्व और न ही इसका सूतक काल लागू होगा। शास्त्रों के अनुसार जिस देश में ग्रहण दिखाई नहीं देता है वहां ग्रहण का कोई अच्छा और बुरा प्रभाव नहीं होता है।