अपनी Love Story को परवान चढ़ाना चाहते थे कातिल, शौर्य चक्र विजेता को मार दी गोलियां

Edited By Vatika,Updated: 05 Nov, 2020 12:18 PM

shaurya chakra winner shot dead

शौर्य चक्र विजेता कामरेड बलविंदर सिंह की हत्या की गुत्थी को जहां पुलिस सुलझाने का दावा कर रही है। वहीं इस हत्या के पीछे एक लव स्टोरी का बड़ा हाथ है।

तरनतारन(रमन): शौर्य चक्र विजेता कामरेड बलविंदर सिंह की हत्या की गुत्थी को जहां पुलिस सुलझाने का दावा कर रही है। वहीं इस हत्या के पीछे एक लव स्टोरी का बड़ा हाथ है। डी.आई.जी. हरदयाल सिंह मान ने बताया कि कामरेड बलविंदर सिंह की हत्या पेशेवर गैंगस्टरों की मदद के साथ सुपारी देकर करवाई जानी सामने आ रही है।
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पुलिस ने इस केस को सी.सी.टी.वी. फुटेज और दूसरे राज्य के लोगों की मदद के साथ सुलझाते हुए वारदात के 3 मुख्य आरोपियों की तलाश के लिए टीमें रवाना कर दीं हैं। उन्होंने बताया कि नाभा जेल ब्रेक अध्याय, गांव तिब्बड़ हत्या अध्याय, डकैती, हथियारों और नशीले पदार्थों के 11 अपराधक मामलों में नामजद रविंदर सिंह उर्फ ज्ञाना पुत्र बलजीत सिंह निवासी खरल जिला गुरदासपुर, जो पेशेवर आरोपी है, को फिरोजपुर जेल और तिब्बड़ हत्या अध्याय, डकैती और नशीले पदार्थों  समगलिंग संबंधित 14 अपराधक मामलों में नामजद सुखराज सिंह सुखा पुत्र मुखत्यार सिंह निवासी लखनपाल जिला गुरदासपुर, जो पटियाला जेल से प्रोडैक्शन वारंट पर लाए गए थे। उन्होंने बताया कि आरोपियों से पूछताछ दौरान यह बात सामने आई है कि रविंदर सिंह उर्फ ज्ञाना ए. कैटेगिरी का गैंगस्टर सुखा भखारी वाला उर्फ सुमीतपाल सिंह की बुआ का बेटा है।

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ज्ञाना व सुखराज सिंह दोनों ने माना कि उन्होंने कामरेड बलविंदर सिंह की हत्या सुखा भखारी वाला के कहने पर करवाई है, जिसके लिए उन्होंने सुखदीप सिंह उर्फ बूरा निवासी खरल जो पेशेवर अपराधी है और उसके खिलाफ पहले 10 केस दर्ज हैं और गुरजीत सिंह उर्फ भाय निवासी लखनपाल जिला गुरदासपुर को चुना। बूरा और भाय जिला गुरदासपुर में एक नाबालिग लड़की को अगवा करने के जुर्म नीचे जेल में रहने उपरांत जमानत पर रिहा होकर आए थे। यह दोनों दूसरे जिले में छिपने के लिए कोई जगह ढूंढ रहे थे, जिसका लाभ लेते हुए गैंगस्टर सुख भखारीपुर ने रुपए और सुरक्षित ठहरने का प्रबंध करते हुए इन दोनों को बलविंदर की हत्या के लिए इस्तेमाल किया। मान ने बताया कि सुखराज सिंह ने सुखदीप बूरा और गुरजीत सिंह भाय के रहने के लिए लुधियाना की स्लैम टावरी में अकाशदीप सिंह उर्फ धालीवाल जो एक हत्या केस का आरोपी है, ने इंतजाम किया था, जिनको और साथियों द्वारा 80 हजार रुपए की सुपारी देते हुए हत्या करने के लिए भेजा गया था, जिसके अंतर्गत 16 अक्तूबर की सुबह को भाय और बूरा की तरफ से पलसर मोटरसाइकिल जो कुछ समय पहले गुरदासपुर से चोरी किया गया था पर सवार होकर कामरेड बलविंदर सिंह की गोलियों मारकर हत्या कर दी गई, बाद में मोटरसाइकिल को रविंदर सिंह ढिल्लों उर्फ रवि की तरफ से तोड़ कर दरिया में फैंक दिया गया था। रविंदर ढिल्लों की तरफ से उक्त दोनों शूटरों को हथियार चलाने की प्रशिक्षण दी गई थी, जिसके सबूत पुलिस के पास आ गए हैं।इस केस में गैंगस्टर सुख भखारी वाला का मुख्य मंतव्य क्या था यह गिरफ्तारी के बाद ही सामने आएगा। फिलहाल फरार तीनों आरोपियों की तलाश के लिए टीमें रवाना हुई हैं, जो जल्द काबू कर लिए जाएंगे। 

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