Private School प्रबंधकों ने जारी किया नया फरमान, Parents को टैंशन

Edited By Vatika,Updated: 08 Apr, 2023 12:14 PM

private school managers issued a new order

स्कूल गेट पर आए तो पैरेंट्स को पूरी ड्रैस में आना होगा।

चंडीगढ़: सैक्टर-26 स्थित रैजीडेंट वैल्फेयर  एसोसिएशन के प्रधान कृष्ण लाल, महासचिव जे. पी. चौधरी और ऑल मनीमाजरा रैजीडेंट वैल्फेयर एसोसिएशन के चेयरमैन रामेश्वर गिरी ने प्रशासक के सलाहकार को पत्र लिखकर बताया कि सैक्टर-27 स्थित मोती राम आर्य सीनियर सैकंडरी स्कूल ने स्कूली बच्चों के लिए एक आदेश जारी किया है कि बच्चों के पैरेंट्स जब बच्चों को स्कूल छोड़ने या लेने के लिए स्कूल गेट पर आए तो पैरेंट्स को पूरी ड्रैस में आना होगा।

अभिभावक चप्पल और लोअर हाफ शर्ट पहनकर नहीं आ सकते हैं। अगर स्कूल में पैरंट्स मीटिंग या स्कूल में कोई फंक्शन हो तो पैरेंट्स को कोई ऐतराज नहीं है, लेकिन स्कूल छोड़ना या स्कूल से लेकर जाना यह शर्त लगाना गलत है। गर्मी का मौसम आ रहा है लोग टी-शर्ट या लोअर ज्यादा डालते हैं। और उन्हीं कपड़ों में बच्चों को स्कूल छोड़ने चले जाते हैं और बाद में घर आकर तैयार हो कर काम पर जाते हैं। पैरेंट्स को स्कूल वाले यह शर्त क्यों लगा रहे हैं इससे अभिभावक परेशान है।

शिक्षकों की और से जारी आडियो संदेश में अभिभावकों को सूचित किया जाता है। स्कूल छोड़ने और लेकर जाते समय सही वस्त्र पहनकर आए रात्रि वस्त्र, पजामा और निक्कर ना पहनकर आएं, चप्पल भी न पहनें। जूते और सैंडल पहनकर आए कृष्ण लाल ने बताया कि स्कूल की और से जारी आदेश उन्हें स्कूल के मोबाइल पर स्कूल की शिक्षका के आवाज रिकार्डिंग और लिखित में संदेश भेजा गया है। स्कूल के बाहर कोई भी किसी भी कपड़े में घूमे इससे सभी को स्वतंत्रता है। हर कोई अपनी मान्यता रहना पसंद करता है, ताकि कोई उसका मजाक ना उड़े। स्कूल प्रबंधकों को सर्कुलर वापस लेना चाहिए, ताकि अभिभावक छुट्टी के समय स्कूल के बाहर से बच्चे को लेकर आसानी से जा सकें। जो व्यक्ति अपनी सभ्यता के अनुसार कपड़े नहीं पहनता है वह गलत है। सभी को उसमें जोड़ना गलत है। जिस व्यक्ति ने काम पर जाना होता है, वहां तो तैयार होकर आ सकता है। रिटायर्ड तैयार होकर स्कूल में बच्चों को छोड़ने क्यों आए।

पार्षद को चप्पल पहनने पर गेट पर रोक दिया था
सैक्टर-56 से आम आदमी पार्टी पार्षद मनुअर दो महीने पहले सुबह फेस 6 के निजी स्कूल में पढ़ रही अपनी बेटी से संबंधित बातचीत करने के लिए स्कूल के प्रिंसीपल को मिलने पहुंचे थे। गेट पर मौजूद स्कूल के चौकीदार ने उनको चप्पल पहने देख स्कूल के अंदर प्रवेश करने से मना कर दिया था। पार्षद स्कूल प्रशासन को पत्र लिखकर भविष्य में गरीब अभिभावकों के साथ ऐसा दुर्व्यवहार ना करने की सलाह दे चुके हैं। अभिभावकों का कहना है कि अभिभावकों की वित्तीय स्थिति यदि कमजोर हो तो स्कूल में प्रवेश करने के यह फरमान अनिवार्य नहीं रखनी चाहिए।

जूनियर विंग के बच्चों के अभिभावकों को जारी किया है सर्कुलर
प्रिंसीपल डॉ. सीमा ने बताया कि जूनियर विंग के बच्चों के अभिभावकों को सर्कुलर जारी किया है। स्कूल के अंदर और बाहर शिष्टाचा रवातावरण बना रहे। अभिभावक कई बार इस प्रकार के कपड़ों में अपने बच्चों को छोड़ने आ जाते हैं जिससे कई बारदूसरा व्यक्ति शर्मिंदा हो जाता है।
 


 

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