Edited By swetha,Updated: 04 Aug, 2019 10:23 AM
मुख्यमंत्री और सरकार के उच्चाधिकारियों की कार्यशैली से निराश कई विधायक
चंडीगढ़(भुल्लर): पंजाब के नाराज कांग्रेसी विधायक नवजोत सिंह सिद्धू के साथ अपने तार जोड़ने लगे हैं। स्थिति को भांपते हुए मुख्यमंत्री कै. अमरेन्द्र सिंह भी चौकस हो गए हैं,इसलिए उन्होंने पार्टी विधायकों को सोमवार को डिनर पर बुलाया है। चाहे सिद्धू के विधानसभा सत्र में शामिल होने को लेकर अभी तक कुछ नहीं कहा जा सकता, परंतु वह अंदरखाते अपने गुप्त मिशन पर कार्य कर रहे हैं और पार्टी सदस्यों को लगातार मिल रहे हैं। अमृतसर में सिद्धू को मिलने के लिए हरेक जिले से पार्टी वर्कर आ रहे हैं। पिछले दिनों में सीनियर कांग्रेसी विधायक डा. राजकुमार वेरका और परगट सिंह द्वारा सिद्धू के साथ उनके आवास पर की गई गुप्त मुलाकातों की भी राजनीतिक हलकों में चर्चा हो रही है।
मुख्यमंत्री और सरकार के उच्चाधिकारियों की कार्यशैली से निराश कई विधायक
सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री और सरकार के उच्चाधिकारियों की कार्यशैली से निराश कई विधायक सिद्धू से फोन पर संपर्क करके उनको जोश दिला रहे हैं। पता चला है कि 10 से अधिक विधायक सिद्धू के साथ हमदर्दी प्रकट कर चुके हैं, परंतु अभी वे खुलकर सामने आने के लिए तैयार नहीं हैं, क्योंकि ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी द्वारा चुनी जाने वाली नई लीडरशिप संबंधी अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है। चर्चाओं के अनुसार अगर सिद्धू को पार्टी में आने वाले दिनों में कोई अच्छा पद मिलता है तो उसका भी उनको लाभ मिल सकता है। उनकी प्रदेश कांग्रेस में
पकड़ बढ़ सकती है।
बादलों के खिलाफ कार्रवाई न करने से गुस्से में कई विधायक
उल्लेखनीय है कि पंजाब विधानसभा के सत्र संबंधी रणनीति बनाने के लिए मुख्यमंत्री कै. अमरेन्द्र के नेतृत्व में हुई मीटिंग में भी कई विधायकों ने नाराजगी प्रकट कर दी है। मीटिंग में कई विधायकों ने सरकार में उनकी सुनवाई न होने की बात कही है। इसके अलावा एक मंत्री सहित कुछ विधायकों ने बेअदबी मामलों में बादलों के खिलाफ कार्रवाई न होने पर भी सवाल उठाते हुए कार्रवाई करने पर जोर दिया है। यह मुद्दा विधानसभा सत्र में अगले दिनों की कार्रवाई के दौरान भी गर्मा सकता है। इस दौरान विपक्ष के मैंबरों के समक्ष कुछ कांग्रेसी मैंबरों की भी भावनाएं उजागर हो सकती हैं। विधायकों में नाराजगी को देखते हुए ही कै. अमरेन्द्र सिंह ने सोमवार को मंत्रियों सहित समूह विधायकों को पंजाब भवन में डिनर पर बुलाया है। इस दौरान उनके द्वारा विधायकों की शिकायतें सुन कर गिले-शिकवे दूर करने की बात भी कही गई है।
पंजाब विधानसभा सत्र का समय बढ़ाने की मांग नहीं हुई मंजूर
विपक्षी दलों द्वारा पंजाब विधानसभा के 2 अगस्त को शुरू हुए 3 दिवसीय संक्षिप्त सत्र का समय बढ़ाने की मांग मंजूर नहीं हुई। विधानसभा कारोबार सलाहकार कमेटी की स्पीकर राणा के.पी. के नेतृत्व में हुई मीटिंग में इस मांग को खारिज कर दिया गया। इस मीटिंग में अकाली दल व आम आदमी पार्टी के मैंबरों ने बहस के लिए कई महत्वपूर्ण मुद्दे होने की दलील देकर समय बढ़ाने पर जोर दिया था, परंतु सत्तापक्ष के मैंबरों की सहमति न होने के कारण समय बढ़ाने का फैसला नहीं हो सका। पंजाब विधानसभा का सत्र अब पहले निर्धारित प्रोग्राम अनुसार 5 व 6 अगस्त को चलना है। इस दौरान दोनों दिनों की बैठकों की कार्रवाई सुबह शुरू होनी है। इस दौरान वैधानिक कारोबार के तहत कई बिल पेश किए जाने हैं। इसके अलावा इन 2 दिनों के दौरान आवश्यकता अनुसार मैंबरों की सहमति से किसी गैर सरकारी प्रस्ताव पर बहस की जा सकती है। इन दिनों के दौरान मैंबरों को प्रश्नकाल, शून्यकाल व ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पेश करने के समय ही अपने क्षेत्र पर राज्य के विभिन्न मुद्दे उठाने का मौका मिल सकेगा, परंतु विपक्षी दलों के मैंबर सोमवार को सत्र की कार्रवाई शुरू होने के समय दोबारा समय बढ़ाने की मांग सदन में दोहराएंगे।