Edited By Tania pathak,Updated: 03 Nov, 2020 05:10 PM
प्रवासी मजदूरों का कहना है कि ट्रेनों में उनका कम खर्च आता था परन्तु बस पर वह बहुत ज्यादा पैसे ख़र्च रहे हैं। कुछ प्रवासियों ने कहा कि वह अब वापस ही नहीं आऐंगे...
लुधियाना (नरिन्दर): लुधियाना में बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर रहते हैं और दीवाली और छट्ठ पूजा के लिए अक्सर वह बिहार जाते हैं। इस समय बिहार में मतदान भी चल रही हैं परन्तु प्रवासी मजदूर ट्रेनों के बंद होने के कारण काफ़ी मुश्किलों में हैं और महंगे किराए देकर बसों में अपने गांव जा रहे हैं।
वापिस जा रहे कई प्रवासी मजदूरों ने यहां तक भी कह दिया कि वह अब वापस नहीं आएंगे। कई मजदूरों ने कहा कि अब सरकार को ट्रेनें चलानी चाहिए क्योंकि मजदूर परेशान हैं। उधर बस ऑपरटरों का कहना है कि पहले 2 या 3 बसें रोजमर्रा लुधियाना से जातीं थीं परन्तु अब इनकी संख्या बढ़ गई है क्योंकि ट्रेन बंद हैं। बस चालकों ने भी माना कि प्रवासियों को काफ़ी मुशकलों का सामना करना पड़ रहा है।
प्रवासी मजदूरों का कहना है कि ट्रेनों में उनका कम खर्च आता था परन्तु बस पर वह बहुत ज्यादा पैसे ख़र्च रहे हैं। कुछ प्रवासियों ने कहा कि वह अब वापस ही नहीं आऐंगे। उन्होंने कहा जब मतदान आता हैं, तब ही सरकार को उनकी याद आती है। उन्होंने कहा कि क्या कोरोना सिर्फ उनमें ही फैलता है, जबकि बिहार में मतदान दौरान लाखों लोगों की रैलियां की गई, तब कोरोना कहां था?