मुख्यमंत्री की प्रशंसा कर रहे नवजोत सिंह सिद्धू का Live कटा

Edited By Vatika,Updated: 21 Oct, 2020 10:20 AM

live cut of navjot singh sidhu praising the chief minister

लंबे समय से ‘राजनीतिक तौर पर मौन’ चल रहे पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने गिले-शिकवे भुलाते हुए विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान मुख्यमंत्री कै. अमरेंद्र सिंह की प्रशंसा की।

चंडीगढ़ (रमनजीत सिंह): लंबे समय से ‘राजनीतिक तौर पर मौन’ चल रहे पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने गिले-शिकवे भुलाते हुए विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान मुख्यमंत्री कै. अमरेंद्र सिंह की प्रशंसा की। उनके द्वारा पेश प्रस्ताव और बिलों को केंद्र के मुंह पर करारा थप्पड़ तक कहा। इसके बावजूद पंजाब सरकार के सोशल मीडिया पेजों पर चल रहे ‘लाइव टैलीकास्ट’ को तुरंत बंद कर दिया गया। इससे पहले सी.एम. ने करीबन 25 मिनट तक विधानसभा को सम्बोधित किया था, जिसको लाइव किया गया था। उनके तुरंत बाद बोलने वाले सिद्धू को यह सुविधा नहीं मिल पाई। 

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विधानसभा की कार्रवाई शुरू होने के तुरंत बाद मुख्यमंत्री द्वारा केंद्रीय खेती कानूनों और बिजली संशोधन एक्ट को रद्द करने संबंधी प्रस्ताव व बिल पेश किए गए। इस पर मुख्यमंत्री ने सदन को अपने प्रस्ताव व तीनों बिलों संबंधी विस्तृत जानकारी प्रदान की। साथ ही बिलों के साथ भविष्य में बनने वाली परिस्थितियों बारे भी बताया। करीबन 25 मिनट के मुख्यमंत्री के संबोधन को पंजाब सरकार के सोशल मीडिया प्लेटफॉम्र्स पर बनाए गए पेजों पर लाइव किया गया था। मुख्यमंत्री के तुरंत बाद स्पीकर की ओर से नवजोत सिंह सिद्धू को बिलों पर बोलने की इजाजत दे दी गई। लंबे समय से मुख्यमंत्री कै. अमरेंद्र सिंह से नाराज चल रहे नवजोत सिंह सिद्धू जैसे ही बोलने के लिए खड़े हुए तो पूरे सदन का ध्यान उनकी तरफ लग गया। सिद्धू ने कहा कि कै. अमरेंद्र सिंह द्वारा लाए गए खेती संबंधी बिल बड़ा कदम है। यह बिल केंद्र सरकार के काले कानूनों के मुंह पर करारा थप्पड़ है जिसकी गूंज पूरे ङ्क्षहदुस्तान में सुनाई देगी। सिद्धू के मुंह से कैप्टन अमरेंद्र सिंह की तारीफ सुनकर उत्साहित सत्तापक्ष के विधायकों और मंत्रियों की ओर से मेजें थपथपाकर उनकी बात का समर्थन किया गया। सिद्धू ने कहा कि किसानों के लिए यह बहुत बड़ा व लाभकारी साबित होगा। लेकिन विधानसभा में चल रही कार्रवाई को सोशल मीडिया प्लेटफॉम्र्स पर लाइव देख रहे लोगों को उस समय झटका लगा, जब नवजोत सिंह सिद्धू के भाषण के दौरान ही लाइव बंद कर दिया गया। हालांकि विधानसभा के भीतर सिद्धू बोलते गए और 13 मिनट तक उन्होंने पंजाब सरकार द्वारा लाए गए खेती बिलों के पडऩे वाले प्रभावों का बखान किया।
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जो हाईकमान और रावत न कर पाए, किसानों ने कर दिखाया
कांग्रेस नेता राहुल गांधी व प्रियंका गांधी और हाल ही में पंजाब कांग्रेस के प्रधान बनाए गए हरीश रावत के प्रयासों के बावजूद सिद्धू और कैप्टन के बीच का ‘मसला’ हल नहीं हो पाया था लेकिन पंजाब के किसानों पर आ बनी मुसीबत ने इसका भी रास्ता निकाल दिया। किसानों का ही मुद्दा था कि पिछली बार विधानसभा सत्र में भी गैर-हाजिर रहे नवजोत सिंह सिद्धू सदन में भी पहुंचे और सी.एम. कै. अमरेंद्र सिंह की तारीफ भी की। सिद्धू ने कहा कि विधानसभा सदन का फैसला सही है। बता दें कि केवल एक दिन पहले ही पंजाब सरकार पर बोलते सिद्धू ने कहा था कि आज पंजाब के किसान और जनता की नजरें हम पर टिकी हुई हैं, लिहाजा सरकारों को किसानों को भटकाने की बजाय, बल्कि मुद्दे पर आकर हल करना चाहिए।


नाराजगी के चलते नहीं ग्रहण किया था बिजली विभाग का मंत्री पद
अपने तीखे भाषणों के लिए जाने जाते नवजोत सिंह सिद्धू पिछले काफी समय से मुख्यमंत्री कै. अमरेंद्र सिंह से नाराज चल रहे थे। नाराजगी ऐसी कि जब सिद्धू को स्थानीय निकाय विभाग की बजाय बिजली विभाग का मंत्री बनाया गया था तो उन्होंने पद ही ग्रहण नहीं किया, बल्कि जून, 2019 को मंत्री पद से इस्तीफे का ऐलान कर दिया था। उसके बाद वो राजनीति में सक्रिय रहे और 2019 के लोकसभा चुनावों में भी कांग्रेस के लिए खूब ंप्रचार किया, लेकिन उसके बाद सी.एम. कै. अमरेंद्र सिंह के साथ आमने-सामने नहीं हुए। बल्कि कुछ समय बाद राजनीतिक ‘मौन’ धारण करके बिल्कुल चुप हो गए। फरवरी 2020 में कांग्रेस हाईकमान ने सिद्धू को बातचीत के लिए दिल्ली बुलाया और उनकी नाराजगी संबंधी बातचीत की गई। हालांकि उसका कोई हल नहीं हो पाया और उसके बाद सिद्धू ने मार्च 2020 में खुद को अपने यू-ट्यूब चैनल तक ही सीमित कर दिया।

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