मुसलमान भाई तैयार करते हैं करतारपुर साहिब में गुरु का लंगर

Edited By Vatika,Updated: 05 Dec, 2019 09:35 AM

kartarpur corridor

गुरुद्वारा करतारपुर साहिब में टमाटरों के ढेर लगे हुए हैं। लंगर में टमाटरों की सब्जी बरताई जा रही है। गुरु घर की रसोई में तैयार टमाटरों की सब्जी भारत से गए श्रद्धालुओं के लिए नया स्वाद है।

करतारपुर साहिब (काहलों/अमरीक सिंह): गुरुद्वारा करतारपुर साहिब में टमाटरों के ढेर लगे हुए हैं। लंगर में टमाटरों की सब्जी बरताई जा रही है। गुरु घर की रसोई में तैयार टमाटरों की सब्जी भारत से गए श्रद्धालुओं के लिए नया स्वाद है। पाकिस्तान में टमाटर 180 रुपए किलो बिक रहे हैं। गुरु घर के रसोईए मो. अनवर बताते हैं कि हमने भारत से आए श्रद्धालुओं से अपील की थी कि गुरु घर के लंगर में श्रद्धालुओं द्वारा रसद पहुंचाने की रिवायत शुरू से ही चली आ रही है।

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यहां हरी सब्जियों की जरूरत थी परंतु अब श्रद्धालुओं की तरफ से बेअंत भंडार भर दिए गए हैं। अनवर ने कहा कि हमारी अपील है कि श्रद्धालु टमाटर, अदरक, हरी मिर्च या अन्य हरी सब्जियां न लेकर आएं क्योंकि ये सब्जियां ज्यादा होने के कारण इनको संभालने का कोई पुख्ता इंतजाम नहीं है। करतारपुर साहिब लंगर के प्रमुख सेवादार अमान अली बताते हैं कि लंगर में पहुंचाई जा रही रसद अथाह प्रेम का प्रकटावा है और कोशिश की जाए कि अब सूखी रसद पहुंचाई जाए। उन्होंने कहा कि लंगर में दालें, तेल, चीनी और अन्य सूखी रसदें श्रद्धालु भेंट कर सकते हैं। करतारपुर साहिब में औसतन एक हजार के करीब श्रद्धालु रोजाना पहुंच रहे हैं। उनके लिए गुरु का लंगर तैयार रहता है। लंगर में जरूरत के मुताबिक पाकिस्तान गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने 30 सेवादारों की नई भर्ती की है। इन सेवादारों में 12 महिलाएं व 10 नौजवान शामिल हैं। करतारपुर साहिब के नजदीक ऊंचा पिंड तथा पिंड धौदा हैं। बीबी फातिमा के मुताबिक करतारपुर कॉरिडोर खुलने से करतारपुर साहिब के नजदीकी गांव में भी रोजगार पहुंचा है। यहां आने वाले श्रद्धालु गुरु घर की सेवा करते हैं तथा लंगर बरताने से लेकर बर्तन धोने की सेवा कर रहे हैं। फातिमा के मुताबिक बर्तन धोने की सेवा करते समय भारत-पाक दोनों तरफ से श्रद्धालु एक-दूसरे से जान-पहचान बढ़ा रहे हैं। यह मोहब्बत की एक अजब सांझ है जो फिर से हरी-भरी हो रही है। 
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इस्लामाबाद से 7 घंटे का सफर तय करके ओसामा ओचेजा भारत में स्थित पंजाब में रह रहे दोस्तों को मिलने आया। ओसामा को गुरु के लंगर में लंगर नहीं खाने दिया गया। सेवादारों के मुताबिक यह लंगर केवल भारतीय श्रद्धालुओं के लिए है। उनकी पहली कोशिश यह है कि गुरु के लंगर में भारत के पंजाब राज्य से आई सिख संगत को ही लंगर बांटा जाए तथा उनकी सेवा में किसी तरह की कमी न हो। पंजाब के राहों से आए गंगवीर राठौर ने इस पर असहमति दर्ज करवाई। उनके मुताबिक गुरु के लंगर में सभी को आने की आज्ञा है। इस बारे संबंधित अधिकारियों ने स्पष्टीकरण दिया कि आगामी कुछ महीनों तक ऐसे प्रबंध किए जा रहे हैं कि गुरु के लंगर में हर कोई लंगर खा सके। पंजाब से आए श्रद्धालुओं ने गुरु के इस लंगर की खूब तारीफ की। करतारपुर साहिब गुरु के लंगर का मुख्य प्रबंध पाकिस्तान गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की तरफ से किया जा रहा है। इस लंगर में सभी सेवादार मुसलमान हैं जो आने वाले श्रद्धालुओं के लिए श्रद्धा से लंगर तैयार कर रहे हैं। लंगर में सब्जी काटने वाले साई दास बताते हैं कि वह करतारपुर साहिब में अपने साथी अमान अली, मो. अनवर तथा अन्य सेवादारों के साथ पिछले 18 सालों से गुरु के लंगर में सेवा कर रहे हैं। 

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