Edited By Vatika,Updated: 03 Aug, 2021 12:52 PM

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह की तरफ से अकाली -भाजपा सरकार के समय किए निजी बिजली समझौतों को रद्द करने का फरमान
चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह की तरफ से अकाली -भाजपा सरकार के समय किए निजी बिजली समझौतों को रद्द करने का फरमान पंजाबियों के लिए मुसीबत खड़ी कर सकता है। कैप्टन के इस आदेश के बाद बिजली विभाग का कहना है कि यदि निजी कंपनियों के साथ समझौते रद्द हुए तो राज्य के लोगों को बिजली की भारी किल्लत का सामना करना पड़ेगा।
लोगों को रोजाना 6-8 घंटे के लंबे बिजली कट झेलने पड़ सकते हैं। वित्त विभाग के प्रिंसिपल सचिव को लिखे जवाबी पत्र में पॉवरकाम के चेयरमैन वेणूं प्रसाद ने लिखा है कि राज्य के सरकारी थर्मल प्लांट और बाहरी राज्यों से बिजली खरीदने की तय सीमा के हिसाब से पंजाब में बिजली की भारी किल्लत हो जाएगी।
उन्होंने बताया कि पंजाब में इस समय 6600 मेगावाट बिजली तैयार हो रही है, जिसमें निजी थर्मल प्लांट का योगदान 3920 मेगावाट का है। अब यदि निजी थर्मल प्लांटों के उत्पादन को अलग कर दिया जाए तो पैदा होने वाली किल्लत को संभालना संभव नहीं होगा।बता दें कि कैप्टन अरेंद्र सिंह की तरफ से पॉवरकाम को निजी बिजली कंपनियों के साथ किए समझौते रद्द करने के निर्देश दिए गए थे, जिसके बाद पॉवरकाम ने अपनी दलील दी है।