Edited By Mohit,Updated: 07 Nov, 2020 06:03 PM
पंजाब आम आदमी पार्टी (आप) ने दिल्ली की केजरीवाल सरकार की ओर से पराली की समस्या के हल..............
चंडीगढ़ः पंजाब आम आदमी पार्टी (आप) ने दिल्ली की केजरीवाल सरकार की ओर से पराली की समस्या के हल के लिए उठाए जा रहे कदमों की प्रशंसा करते हुए कहा है कि जिस शिद्दत और द्दढ़ता के साथ दिल्ली सरकार पराली से खाद बनाने वाले प्रोजेक्ट पर काम कर रही है वो पंजाब के लिए भी वरदान साबित होगा। प्रतिपक्ष के नेता हरपाल सिंह चीमा ने आज यहां बताया कि दिल्ली सरकार पिछले दो-तीन सालों से पराली की समस्या के वैज्ञानिक और लाभदायक समाधान के लिए काम कर रही थी। केजरीवाल सरकार ने पूसा इंस्टिट्यूट के द्वारा पराली पर खोज और विकास (आर एंड डी) प्रोजेक्ट पर काम करवा रही थी। इस इंस्टीट्यूट की ओर से तैयार किए फार्मूले के छिड़काव के उपरांत कुछ ही दिनों में पराली खाद का रूप धारण कर जाएगी।
उन्होंने बताया कि पंजाब मामलों के प्रभारी दिल्ली के विधायक जरनैल सिंह बीते दिन उनके (चीमा) समेत पंजाब के विधायकों कुलतार सिंह संधवां, अमन अरोड़ा और मीत हेयर को पूसा इंस्टिट्यूट लेकर गए और पराली से खाद बनाने के शुरू किए प्राथमिक ट्रायल को दिखाया। चीमा ने कहा कि प्राथमिक ट्रायल के नतीजे काफी उत्साहजनक हैं और उम्मीद है कि अगले साल तक दिल्ली सरकार का यह यत्न पंजाब, पंजाब के किसान, पंजाब की मिट्टी और वातावरण के लिए वरदान साबित होंगे। केंद्र सरकार का ताजा अध्यादेश इसकी मिसाल है। जिस में पराली को आग लगाने वाले किसानों को पांच साल की सजा और एक करोड़ रुपए तक के जुर्माने का फरमान सुनाया गया है।
उन्होंने कहा कि यह जुर्माना और सजा पंजाब सरकार और खुद केंद्र सरकार को लगना चाहिए, जिन्होंने पिछले 40 सालों में पराली की समस्या के लिए खुद कुछ नहीं किया और किसानों पर कानूनी तलवार लटकाई है, जबकि वास्तविकता यह है कि हर एक किसान पराली को मजबूरीवश आग लगाता है, क्योंकि सरकारों ने न किसानों को पराली के निपटारे के ऊपर आने वाले खर्च के लिए मुआवजा/बोनस दिया और न ही कोई समाधान दिया। अदालत की ओर से प्रति एकड़ 2400 रुपए निश्चित किए मुआवजे से भी पंजाब सरकार भाग गई। इसी तरह पंजाब और केंद्र की सरकारों ने एनजीटी के निर्देशों मुताबिक किसानों को मशीनरी भी उपलब्ध नहीं कराई।