Edited By Tania pathak,Updated: 21 Oct, 2020 04:27 PM
इन मुलाजिमों को वेतन पंजाब के 5वें नहीं, बल्कि केंद्र सरकार के 7वें वेतन कमीशन मुताबिक मिलेगी। बता दें कि केंद्र सरकार के 7वें वेतन कमीशन से ज़्यादा पंजाब के 5वें कमीशन मुताबिक मुलाजिमों को ज़्यादा पैसे मिलते है...
चंडीगढ़ (रमनजीत): पंजाब सरकार के अलग-अलग विभाग में नए भर्ती होने वाले कर्मचारियों को हज़ारों रूपए का नुकसान हो सकता है क्योंकि इन मुलाजिमों को वेतन पंजाब के 5वें नहीं, बल्कि केंद्र सरकार के 7वें वेतन कमीशन मुताबिक मिलेगी। बता दें कि केंद्र सरकार के 7वें वेतन कमीशन से ज़्यादा पंजाब के 5वें कमीशन मुताबिक मुलाजिमों को ज़्यादा पैसे मिलते हैं। बताया जा रहा है कि इस संबंधी विभाग की तरफ से आने वाले दिनों में नोटिफिकेशन जारी की जा सकती है। इस फैसले के कारण अध्यापकों की तरफ से विरोध शुरू हो गया है।
डेमोक्रेटिक टीचर्ज फ्रंट पंजाब की तरफ से राज्य प्रधान दविन्दर पूनिया, जनरल सचिव जसविन्दर और सीनियर प्रधान विक्रम देव सिंह ने जस्टिस आहलूवालीया समिति की तरफ से गई सिफारिशों को पंजाब सरकार की तरफ से शिक्षा विभाग में लागू करते अध्यापकों के मौजूदा वेतन गरेड और सकेल को घटाकर केंद्रीय वेतन पैटर्न लागू करने की सख़्त शब्दों में निंदा की है।
संगठन के वित्त सचिव अश्वनी अवस्थी, प्रधान गुरमीत सुक्खपुर, ओम प्रकाश, राजीव कुमार, जग्पाल बंगी, रघवीर सिंह भवानीगढ़ और जसविन्दर औजला, मुख्य वक्ताहरदीप टोडरपुर, संयुक्त सचिव हरजिन्दर गुरदासपुर, दलजीत सफीपुर और कुलविन्दर जोशन आदि ने कहा कि पंजाब सरकार के मंत्री पंजाब के खजाने पर बोझ हैं और इनकी तरफ से फंड के दुरुपयोग पर कोई रोक -टोक नहीं है जब कि शिक्षा विभाग जैसे लोग भलाई के अहम विभाग में काम करते अध्यापकों और नॉन-टीचंग स्टाफ के वेतन सकेल पर कट लगाना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है।