Edited By Vaneet,Updated: 11 Feb, 2019 05:34 PM
जिस उम्र में जोड़ों के दर्द और अन्य बीमारियों से परेशान होकर लोगों का चलना-फिरना मुश्किल हो जाता है। ....
बटाला: जिस उम्र में जोड़ों के दर्द और अन्य बीमारियों से परेशान होकर लोगों का चलना-फिरना मुश्किल हो जाता है। उस उम्र में तलवंडी झयूरियों में 66 वर्षीय बलवंत सिंह रोजाना 2 किलोमीटर घोड़े के साथ दौड़ लगाता है। उनका शरीर इतना फिट है कि वह अपने गांव से 31 किलोमीटर दूर गुरदासपुर तक दौड़ कर डेढ़ घंटे में पहुंच जाते हैं।
बलवंत सिंह अब तक रेस में 100 से अधिक मैडल हासिल कर चुके हैं। उनका घोड़ा और कुत्ता भी उनके साथ दौड़ लगाते हैं। बलवंत सिंह को बचपन से ही दौडऩे का शौक था। कुछ दिन पहले ही बलवंत सिंह ने अटारी सरहद पर बी.एस.एफ. की दौड़ में पहला स्थान हासिल करके 5100 रुपए का इनाम भी जीता। उन्होंने मुम्बई में हुई दौड़ में तीसरा स्थान हासिल किया। इसके इलावा मुम्बई, लखनाऊ, इलाहाबाद, हरियाणा, चंडीगढ़, जालंधर, अमृतसर, दिल्ली, गुडगाँव, पटियाला और संगरूर मेंहुई दौडों में वह भाग ले चुके हैं।
बचपन में खरगोश और कुत्ते के साथ लगाते थे दौड़
बलवंत सिंह ने बताया कि वह बचपन में खरगोश और कुत्ते के साथ दौड़ लगाते थे। उन्होंने कहा कि जिंदगी में मनुष्य को कभी भी थक्कना नहीं चाहिए और निरंतर चलते रहना चाहिए, चाहे कितनी भी मुश्किलें रास्ते में आए।
2015 से 2018 तक इन मैडलों पर किया कब्जा
2015: जी.एन.डी.यू. में 21 किमी. दौड़ में गोल्ड मैडल
2016: हरियाणा में 1500 मीटर दौड़ में गोल्ड मैडल
2016: चंडीगढ़ में 5 किलोमीटर दौड़ गोल्ड मैडल
2017: चंडीगढ़ में 21 किलोमीटर दौड़ में गोल्ड मैडल
2018: चंडीगढ़ में 800 मीटर दौड़ में गोल्ड मैडल