नशा तस्कर को छोड़ने की सिफारिश करनी नामी नेता को पड़ी महंगी, पुलिस अधिकारी ने सिखाया सबक

Edited By Kalash,Updated: 22 May, 2022 11:27 AM

drug smugglers

शहर के एक नामी नेता द्वारा एक बड़े अधिकारी को नशे के केस में सिफारिश करना महंगा पड़ गया है

जालंधर (ब्यूरो): शहर के एक नामी नेता द्वारा एक बड़े अधिकारी को नशे के केस में सिफारिश करना महंगा पड़ गया है। आलम यह है कि अधिकारी ने नेता जी के कहने पर आरोपी को छोड़ा नहीं, बल्कि उन्हें बकरी और शेर में फर्क भी समझाया। उक्त बात पुलिस महकमे के साथ-साथ शहर में भी काफी चर्चा का विषय बनी हुई है। उक्त नेता ने पहले आला अधिकारी को फोन कर कहा कि उक्त नशा तस्कर को छोड़ दिया जाए, क्योंकि यह तो सिर्फ बकरी है। बदले में वह उन्हें शेर का शिकार करवाएंगे।

हुआ यूं कि उक्त नेता ने अधिकारी को फोन करके बकरी को छोड़ने की सिफारिश तो कर दी, मगर पुलिस अधिकारी की भी दाद देने वाली है कि उन्होंने नशा तस्कर को छोड़ने की बजाय दो दिन तक बैरक में बैठाए रखा। अधिकारी ने नेता के ओहदे का सम्मान करते हुए पहले तो कोई कार्रवाई नहीं कि मगर नेता को बोल दिया कि उन्हें जल्द से जल्द शेर (बड़े नशा तस्कर) का शिकार करवाया जाए। एक दिन बीत जाने के बाद जब अधिकारी ने नेता जी को फोन कर कहा कि शेर के शिकार का क्या बना तो नेता ने टाल-मटौल शुरू कर दी।

सूत्रों ने बताया कि उक्त नेता ने आला अधिकारी को टाल-मटौल करते हुए शाम का वक्त दिया। अधिकारी ने फिर दोबारा फोन लगाया कि नेता जी दोपहर का वक्त हो गया शेर के शिकार का क्या बना तो नेता जी थोड़े शर्मिंदा हुए और अधिकारी को दोबारा शाम तक का वक्त मांगा। अब शाम होने पर जब दोबारा अधिकारी ने फोन किया कि शेर के शिकार का क्या बना तो नेता जी ने फोन उठाना ही बंद कर दिया।

नेता जी के फोन न उठाने के बाद अधिकारी ने अगले दिन जाकर बैरक में बंद किए हुए नशा तस्करी के आरोपी पर न केवल केस दर्ज किया बल्कि उक्त नेता को फोन कर कहा कि नेता जी आपने बकरी को छोड़ने के बदले शेर का शिकार कराने के लिए कहा था। आप शेर का शिकार तो नहीं करवा पाए, इसलिए वह अब बकरी के मार्फत ही अपने स्तर पर शेर का शिकार करेंगे। इसलिए आगे से बकरी को छोड़ने की सिफारिश न करें।

आला अधिकारी ने बढ़ाया पुलिस महकमे का गौरव
सत्ताधारी पार्टी के नेता द्वारा जिस तरह नशा तस्करी के केस में पकड़े गए युवक को छुड़ाने की सिफारिश की गई थी, उससे राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि अगर सत्ताधारी पार्टी के नेता इस तरह का काम करेंगे तो किस तरह चलेगा। मगर दूसरी ओर आला पुलिस अधिकारी द्वारा जिस तरह नेता जी को बकरी और शेर का फर्क बताकर सबक सिखाया गया उसे देखते हुए पूरे पुलिस महकमे में पुलिस अधिकारी ने वाह-वाही लूट ली है। इतना ही नहीं इससे पुलिस महकमे का गौरव तो बढ़ा ही है, बल्कि नेता जी की कारगुजारी के बारे में भी पता चला है।

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