Edited By Urmila,Updated: 01 Jun, 2022 12:26 PM

ड्रग्ज और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जेल में बंद पंजाब के पूर्व कैबिनेट मंत्री बिक्रम मजीठिया की तरफ से दाखिल जमानत पटीशन पर...
चंडीगढ़ (हांडा): ड्रग्ज और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जेल में बंद पंजाब के पूर्व कैबिनेट मंत्री बिक्रम मजीठिया की तरफ से दाखिल जमानत पटीशन पर हाईकोर्ट में बहस पूरी हो गई है जिसके बाद जस्टिस ए.जे. ईसा मसीह और संदीप मौदगिल पर आधारित बैंच ने फैसला सुरक्षित रख लिया है।
बहस दौरान मजीठिया की तरफ से पेश हुए सीनियर एडवोकेट आर.एस. चीमा ने कहा कि मजीठिया खिलाफ दर्ज एफ.आई.आर. गैरसंविधानिक है। उन्होंने कहा कि जब पहले इस मामले में एक एफ.आई.आर. दर्ज हो चुकी है और एस.आई.टी. अपनी जांच पूरी कर चुकी है तो मजीठिया और अन्य के खिलाफ उन आरोपों के अंतर्गत दूसरी एफ.आई.आर. दर्ज क्यों की गई है। यह एफ.आई.आर. सिर्फ राजनीतिक बदले के चलते दर्ज की गई है? दूसरी एफ.आई.आर. में जिन लोगों के नाम शामिल किए गए हैं, उनको पहली एफ.आई.आर. में ट्रायल कोर्ट पी.ओ. ऐलान चुकी है, ऐसे में दूसरी एफ.आई.आर. में उन लोगों के नाम जोड़ना समझ से बाहर है। इसके अलावा सीनियर एडवोकेट ने मजीठिया और दूसरे पर दर्ज की एफ.आई.आर. नंबर 30 को रद्द करने की मांग की।
वहीं पंजाब सरकार की तरफ से एडवोकेट जनरल अनमोल रत्न सिद्धू और अन्य सीनियर वकील पेश हुए, जिन्होंने मजीठिया पर दर्ज एफ.आई.आर. को कानू को सही बताते हुए कहा कि सरकार ड्रग्ज और मनी लॉन्ड्रिंग मामले को लेकर गंभीर है। सरकार की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि हालांकि सरकार मजीठिया पर लगे आरोपों की नए सिरे से जांच करवाना चाहती है क्योंकि जो पहले वाली एस.आई.टी. टीम इस मामले की जांच करती रही है, वह अकाली सरकार के दबाव में रही और सरकार के इशारे पर रिपोर्टों बनाईं गई। मजीठिया को जमानत न दी जाए क्योंकि जमानत मिलने पर वह गवाहों को प्रभावित करके इन्वेस्टिगेशन की दिशा बदल सकता है। कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद पटीशन पर फैसला सुरक्षित रख लिया है।
अपने शहर की खबरें Whatsapp पर पढ़ने के लिए Click Here
पंजाब की खबरें Instagram पर पढ़ने के लिए हमें Join करें Click Here
अपने शहर की और खबरें जानने के लिए Like करें हमारा Facebook Page Click Here