Edited By Kamini,Updated: 04 Oct, 2024 06:40 PM
एक बड़ा ही हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां एक जिंदा व्यक्ति का डेथ सर्टिफिकेट बना दिया गया है।
पंजाब डेस्क : जालंधर से एक बड़ा ही हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां एक जिंदा व्यक्ति का डेथ सर्टिफिकेट (Death Certificate )बना दिया गया है। लुधियाना (Ludhiana) के रहने वाले पवन कुमार ने एक प्रेसवार्ता करके इस संबंधी जानकारी दी है। पवन कुमार व परमिंदर सिंह ने बताया कि आरोपी बबलू ने जालसाजी करके पवन का डेथ सर्टिफिकेट बना दिया।
बताया जा रहा है कि परमिंदर सिंह ने पवन कुमार से एक कानूनी तरीके से एक प्रॉपर्टी खरीद कर उसकी रजिस्ट्री करवाई थी। वहीं आरोपी बबलू ने जालसाजी करके पवन कुमार का डेथ सर्टिफिकेट (Death Certificate बनाकर उसे मरा हुआ ऐलान करके प्रॉपर्टी को अपने नाम पर करने का प्रयास किया गया। मामले का खुलासा तब हुआ जब प्रॉपर्टी के खरीरदार व बेचने वाले के हस्तक्षेप करने पर मामला उलझने लगा। उसने बताया कि आरोपी बबलू ने ऑनलाइन उसका फर्जी सर्टिफिकेट बनाकर उसे मृत घोषित कर दिया है। यही नहीं उसकी प्रॉपर्टी की पॉवर ऑफ अर्टानी भी अपने नाम कर ली। फर्जी सर्टिफिकेट में पवन कुमार को 2015 में मृत घोषित किया गया है। आज जब वह कमिश्नर दफ्तर पहुंचा तो वहां पर अधिकारियों के पास ऐसा कोई रिकार्ड नहीं था। इस मामले की जांच के लिए सिविल सर्जन व एसडीएम आफिस के पाले में गेंद डालने की कोशिश की जा रही है।
आपको बात दें कि इस मामले से जुड़ा हुआ एक पहलू यह भी है कि खुद को पवन कुमार की पत्नी बताकर आवेदन करने वाली महिला द्वारा डेथ सर्टिफिकेट जारी करने के लिए दिए गए दस्तावेजों की वेरीफिकेशन लुधियाना के दो विधायकों द्वारा की गई है। हालांकि इससे पहले पार्षदों द्वारा इस तरह की वेरीफिकेशन की जाती थी, लेकिन नगर निगम के जनरल हाऊस का कार्यकाल पूरा होने के बाद पूर्व पार्षदों की वेरीफिकेशन को स्वीकार नहीं किया जा रहा है और यह अधिकार भी विधायकों के पास आ गया है जिनके द्वारा इलाके के किसी जिम्मेदार व्यक्ति की गारंटी के साथ दस्तावेजों की वेरीफिकेशन की जा रही है।
मिली जानकारी के मुताबिक डेथ सर्टिफिकेट (Death Certificate जारी करने के लिए लेट एंट्री के मामले में पारिवारिक सदस्यों के एफिडेविट के अलावा संस्कार करने संबंधी श्मशान घाट की रसीद, अस्थियों के विसर्जन के सर्टिफिकेट या रस्म पगड़ी के कार्ड को आधार माना जाता है। इस मामले में अस्थियों के विसर्जन का सर्टिफिकेट लगाया गया है और जिस व्यक्ति की मृत्यु होने का दावा किया जा रहा है वो खुद हाथ में अपना डेथ सर्टिफिकेट लेकर घूम रहा है जिससे अस्थियों के विसर्जन के सर्टिफिकेट पर सवाल खड़े हो गए हैं।
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