Edited By Urmila,Updated: 31 Jul, 2024 02:38 PM
पंजाब की एक लड़की ने मध्य प्रदेश के एक लड़के के साथ प्रेम विवाह करने के बाद, परिवार से सुरक्षा के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया गया।
चंडीगढ़: पंजाब की एक लड़की ने मध्य प्रदेश के एक लड़के के साथ प्रेम विवाह करने के बाद, परिवार से सुरक्षा के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया गया लेकिन उच्च न्यायालय द्वारा याचिका की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए जाने के बाद आवेदन तुरंत वापस ले लिया गया। हाईकोर्ट ने याचिका की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हुए कहा कि याचिका दायर करने वाली लड़की पंजाब की है, लड़का मध्य प्रदेश का है और शादी के दो गवाह उत्तर प्रदेश और राजस्थान के हैं। विवाह का सर्टीफिकेट वाला काजी पिंजौर (हरियाणा) का रहने वाला है। ऐसे में यह पूरा मामला मनगढ़ंत लग रहा है।
जस्टिस संदीप मोदगिल ने कहा कि याचिका से जुड़ी तस्वीरों में न तो काजी और न ही दोनों गवाह कहीं नजर आ रहे हैं। ऐसे में पूरी कहानी सवालों के घेरे में हैं। इस पर याचिकाकर्ता के वकील ने तुरंत अदालत से याचिका वापस लेने की अनुमति देने का अनुरोध किया। हाई कोर्ट ने याचिका वापस लेने की मांग स्वीकार कर ली और याचिका वापस लेने पर केस खारिज कर दिया। हाई कोर्ट ने कहा कि याचिका से जुड़ी तस्वीरों में शादीशुदा जोड़ा डबल बेड पर बैठा है और कुछ दस्तावेजों पर हस्ताक्षर कर रहा है। साथ ही कोई गवाह या काजी भी नजर नहीं आ रहा है। ऐसे में साफ है कि कोर्ट को गुमराह करने की कोशिश की जा रही है। कोई भी अदालत ऐसी कहानी को स्वीकार नहीं करेगी। इस प्रकार याचिकाकर्ता जालसाजी और अदालत की अवमानना का अपराध कर रहे हैं।
मामला श्री मुक्तसर साहिब की रहने वाली एक लड़की का है, जिसने याचिका दायर कर कहा कि वह मुस्लिम है और उसने अपनी मर्जी से शादी की है। उसका परिवार इस शादी से खुश नहीं है और इसलिए उसे अपने परिवार से जान का खतरा है। ऐसे में उनकी और उनके पति की जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए जाने चाहिएं।
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