Edited By Sunita sarangal,Updated: 09 May, 2021 03:09 PM

अंतिम संस्कार में प्रयोग होने वाली चीजों में लकड़ी भी होती है। इसलिए अब संस्कार दोगुना होने से लकड़ी की मांग...........
जालंधर: जालंधर में कोरोना लगातार बढ़ रहा है। इसी के चलते कोरोना से मरने वालों की गिनती भी बढ़ती ही जा रही है। जालंधर के श्मशानघाट में भी अब अंतिम संस्कार की गिनती करीब दुगनी हो चुकी है।
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अंतिम संस्कार में प्रयोग होने वाली चीजों में लकड़ी भी होती है। इसलिए अब संस्कार दोगुना होने से लकड़ी की मांग भी दोगुना बढ़ गई है। जानकारी के अनुसार एक अंतिम संस्कार में करीब 3 क्विंटल से साडे 4 क्विंटल लकड़ी इस्तेमाल होती है। इस हिसाब से पहले जालंधर के बड़े श्मशान घाटों में करीब 20 क्विंटल लकड़ी का इस्तेमाल होता था जो कि बढ़कर अब 40 क्विंटल रोजाना आस-पास हो गई है।
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जानकारी देते हुए जालंधर के किशनपुरा श्मशान घाट के मैनेजर अनिल कुमार ने बताया कि पहले दिन में करीब 5-6 लोगों के अंतिम संस्कार किए जाते थे, जिसके लिए 12 कुंड बनाए गए हैं। लेकिन अब कोरोना से हो रही मौतों के कारण रोज करीब 11 से 12 अंतिम संस्कार हो रहे हैं। इसकी वजह से सभी कुंड इस्तेमाल किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि इसकी वजह से लकड़ी की मांग भी दोगुनी हो गई है, जिसके चलते आने वाले समय में अंतिम संस्कार के लिए लकड़ी मिलना भी मुश्किल हो सकता है।
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वहीं दूसरी तरफ उनका यह भी कहना है कि लॉकडाउन की वजह से लकड़ी के आरे भी बंद है जिसकी वजह से मुश्किल बढ़ भी सकती है। उन्होंने कहा कि फिलहाल लकड़ी की आपूर्ति किसी न किसी तरीके से हो रही है लेकिन अगर आने वाले समय में इसी तरह अंतिम संस्कारों की गिनती बढ़ती रही तो लकड़ी की मात्रा में भी कमी आ सकती है।
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